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________________ ऐसा मद्दशतिसादाव कारला एस मुद्दे अतिररक रहो बादिरकरकर दे। वेदेवराव रेसम गएण काडा एंडावसयेचरमए एसाए रिवरडीइमादिंगादादिना ऊंबद्द वलवरधीयर) विकारला स्वारयताखात) दिय अरकंडाल लगागावलति। लग्य्यमणि हिरयएवासदरददादा विजया रस्कारक पिदा के समंदर वासा) मानरक त्रछेड) घरादारा हारका एस चरमरा एवं दादा दिरपरक राहत एतदा कारस्यंवर होजावयास मएए) राऊंडला गोलात किंणा काडकति दिवाकर यदि गासहिग्लाय लिए ऐलोत कि गाकाडकतिदिग काय दिपिना) एम्म चिकारा काडाणा गासत्रिकाएाडागासत्रिकाय् स्मादरमक डागास विकायस्मादासहिंकाड।एगा पदविकाइए एफ्राड का समए) काडाग) दादर रुलात गुरु जय गाए हिंस सोलापूर) इंदिरपदस्साए ढामा जादासा || इंदिय३ २२२२ नाट्यश्समयाला सोरखा३ । २६४३२ २०३
SR No.650015
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size297 MB
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