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________________ १३ TRAI बेख प एमा सर बरा यूनानी के आमंत्रणा करमाणीक ज्ञानादेवी छाया के. रामरी तयादंवस यात राजे मृ जामाता या कही राम राजा बीरखोलिक प्रतीन पेयमवरीसम जो इस बुज के है :एतावता सा विद्याकति विदा पसन्नता ॥ दस विदो ज ए मिस्सिया विगद मिस्त्रिया। उस वि। इन गत भिप्रियाजीव मिस्सिया व मिस्सिया। जो वो जीवमिति मिस्सिया। ऐरित्र मिस्सिया हामिस्तिया । ६६ मिस्सिया बसमा सातांतला प्रतियाकतिविदासन॥गडवालसमू सरेल विदयतामायण दपबणाययस्मरण परकाए ॥लासा बाइ७ हनुम लामा दलिय साला साय नियमिवाधवासं सदा करणीलासा गरु गमावावालात किंतासगा लासगोगा गाविलासाविगासाक पावसात एवं छतावराला समावि तासगाव हिसारस) नाल्या 5 मरे सर२२ र चरे डरे डर ने पूर पर पर दर चरित्रमा रिन्यूए 'शल्या कू तुम मूल मास्मगाया समादागावात संसारसमारगात सिशसि समातिएंजात संसारसमा वस्मात् विहायस्मन्नात साल सिएमिवस्मगाया मालसियमसम गायतिडावासालसिए मिस गात लासगात सालसिए डिस्मगात विदा मन्त्र तो गिंदिया गिं दिया। तत्रगाडात गिंदिशत तासगावए गिंदिया घर म सेवा दिन घरे २६ कि दो कर नई मुहर मसर माइन्यूरान मह लिए कराने मारो-३ हेरेर हत्तू न घडल्याएर दे शहर तर ३२ स्कूमार ३३ पूछत्र एनाको ३४॥ रे मी मूर जर बाजार प२६ ए मीसर २१ पश्चिम मेरिय रेडर मेरे हरे. मसरद करा ना सरस बरनवाल २ कहर जा३५ मे मसर जी मारे ०४ मर बीसे कह इतर २४ करा रे डर
SR No.650015
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size297 MB
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