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________________ काकाजी : ||१|| श्री . रा ६ परम रक - जीडो को कती क - तुकडा जीबी : जा बलण्घो कीप ऐस जावश्लिल एकेावरमतदपगारासचासागर मातमप्रसार चिल्ललगाडावरमा पगारा सच्चा साब जरा देता। गायमा मस्साजावविल्लेलगा। सहासा। बड हतोत्तमस्लाम हिस्साब लवाद गया। साहीग्छ)) विगादारिया) वीतरा) परस्परा बिराली) खण शाकाल गया। [का के तिय्याससिया चित्रियाचि। ल्ल लिया। डेटा वरस्मत एसाइजिव्ह देता|[गारमा मस्स) जाव विल्ल लियाजयाव मपासमार चिल्ललया। ऊं यावरसम तदपग सियासी सहाराग्धरागादा दिए।।. कालका के विएस सपवित्र चिल्ललपजे कोसा। परिमेम लासले मूलकाले शलेतारे रसनदपगारासहासाचिर।बहलात रासबासाप्रम गारमा मस्से म अन्नेतररपरस्सार सिय्यशाला विशाला खाए तावशम्मतदम्प गारास वासाधम रहा। दातक बिछे कुंड एज मेड ४६ हिंगवणात आसणेस गतवदिमा बत्र राम रेलिंगा रंग रिंगोएंगात रणर शवरामवदण्गासा | सगक देता||गायमा। कंसेजर राजय सजेगा महातपटवा १५२
SR No.650015
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size297 MB
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