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ऐस्मरण)
खरणा( को एकत्री से सागाराव मोरेश्रताणा में विशव येतेयेत एरा शिवस लावादक व काले दिईएम त्रागाद एम एकतीसं सागरराव मात्र सागरराव माशेब/विजयाये । ऊयंत एरा जियादवाय बगाड रमाए। विकास एवात्राबाविडश्यावज यंतऊ येतयए [ग])उदरस्प सागरराव माता प्रांतासह सिंहगादव
मुन्नूरणाका सा पलाताकalaa वयस्मत्रा (सबसि
दमछाका सातवी से सागरराव मावि छाएगा। जद (एमए) विद्याकालि विद्यासह शिगवा मत्रा|एगा। दममय का सत्र संसारमा anana तापदेस मात्र ४॥ कतिविदाएं प मन्त्रा[ग]]] विदायावायस्म शात व्यवायावद्यवायावश्चालात किं सारखा सारखा) ऐोता॥ श्यश्
(ख) गारारमा ती यस्मन्त्रागा छात्राएं एकव वितेकाले विताए
। वितीयमत्रा म