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________________ समारमारमण सकिंनंपरंपर सिह सारसमामीपणा परंपरसिय सारसमावाजी पवार गविदाएमा एडमसम शासमय सिघाडावसोरखा समय सिघा सारखा समय पर सिहप्रसंसा रमजावला मजावण से सार १३लए ॥ससे सार तसे सार एगिदिय समय सिद्धातिसमयस सिशासत्रे परं २) बासकि समावस्पजीव्यमव हाय मत्रा ऊदा TITबदिय ससारसमाव (मस्मरण)) ति दिएसंसारस मारमा यसर चरिदिय संसारसमाव समजार पमरणावि दिया संसार समापयम)सकि तंग गिंदियस सारसमादमजीवमवणा)यगिदिए यसंसार समावादमा पत्र विदामा तं हा विकाश्यामाकाश्यात काइया ॥ वा कायावाकाइया। इस किंतेंनट विकाश्या २७ विहायस्मत्रा तंज दाखऊमपदविकाश्या बाबादर विकाश्याय॥ स किं ते खमच विकाश्यामपट विकाश्याड विदा मन्त्रा तो पह
SR No.650015
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size297 MB
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