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________________ रणरणास का गतेका‍ रहिता काश्या पात्रातिक साविकाश्याश्त्रमा श्रमावा) बढ विकाश्या पत्राशिले सादिया) मात्र काइया त्रगाविसमा दिया। रा]काइयाछत्र गाविससादिया गफ इकाइया इयाछत्र गाविससा दिया पति सिलातस काश्या सांघट विकाश्याएं। यारो वाचकाइयो साइकाइय्या एत सकाझ्या गात्राएं। प्यावादजयादा/उल्लावा। शिससा दिया गागा (सवाच्यावा श्यामछत्रशमसेरवणादवि काश्यापद्यत्र गाविसमा दिया। म्राकाश्य रात्र गाविससादिया । दाकाश्यामहर गाविस सादिया । वय्फइकाइयाछत्र तद्या सकाश्यपद्यत्रगाशिम साथ ना /बारात सियोनात सकाया गछत्राएं गा एकवारकवार वि वावयावा) उल्लावारिस सा दिया।[ग]]सइयो वास काइया छत्रगास काश्या छत्रगास खिच्छ्णायात सिऐ तातविकाइयाएं। पत्रापछत्रा कवर कतारहिताय्यादा। दऊ दावा चल्ला वा विरस सादियागासानादाविकाश्यापन ६४
SR No.650015
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size297 MB
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