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________________ ज्ञान बल महामास्मीयकवासमा जकाई प्राचार्यपरथमई सम्पपकारनपतिप्त अनिमाकारी युवदि तमहामाहना अक्यु सदानादिकमा नरामपकाशने नयमाहाश्वपक्षमादिकईक कभीसमानकर धास्त यशयबाघीस सहा यशरकारनक २६॥ अमसिमामा ऊ मा समका लवसितादास महा २५ श्रायश्यिवसाया सम्मोपडितपाई अपरिपया हे महाय २५ जिकोईऋतकरीवास्करीमामा र साध्यायवादविया महामोहनीय तपस्वीपककोई सपन श्रात्मानईश्लाघ।। पतिविकछालाघाऊक्रसवे खमपावकरामक है। श्वेवीसमan करापोताना नयमका जस्थएटरोई सुरणपविकंधई समायवायंचयति महाग २६ तस्सीएमजेकेर तापविछ पसमजतपस्वीयमकासर्वलोक साधारणनएका प्राचार्यादिक.लानय बैंसमषिपदेमईक स्पामाकरमहामसपा naanasaपवितः शमशक्षिकदानश्करी सविमुमनपणा ] नवमहामोहनीश्य सेवासमा कामाच्या मकरस्पनानादिकनी सकरका यारचयामक50 करु॥ इसघनाय परतेो माहा एव साहारा मिलाणम्मिचहियणैकिमझोपेसेनका ana: नितिभायात्रने सामान जंक्षपचारका आपरानात्मानमयो महामारमाय अकाईकमाववनयवंचवाचनत्य प्रतिमा विषावारानेहमी याचीकल्पनाकरीकलुबिसम्रा धकलवीरधर्मनपचनासम) खधिकरणरुपालीनयमनमाका अलव्याऊज शिवजह। अधीनहा। कर्म ण र्मपयुजविस्तारइबली२॥ ईसहेनिशायला कलुसालवेधसाप्पणायबोही पक्षारयजेकदाहिगरण संमने सर्वसाध्झानादिकमासद महामोहनीय योगनिमितवशीकर सेसम्पकसुजन आधाहत मखाने महामोहनी सणीपवर्तमान पवासम॥ सादिकश्योगविवति॥ व्यापार वली। नई। शनिवाई सताबीसमका कोक्षार्मिक मरत्र ६ ३१। तिब्बाणदेशयाणे महा३ अब्राहम्नियनाए संप सुणा साहासहीह महायर
SR No.650013
Book TitleSamavayanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHirsundar Muni
PublisherJaiselmer
Publication Year1699
Total Pages248
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_samvayang
File Size130 MB
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