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समाय
तो गलामा हिनद संघुर्धराश करता तिमार5 ||
महा मोरनीयकर्मक जलते का घावामा कि वीजके॥३॥ समारतीशाली नदि घरो की जनलोकनै \\
लोकादिकमर तमहामोह धूमक हितांत्रिक रामा२६ ॥
नायक
शशि येतोनंदारे मोहई सारख नलं लियाना तोमेशमारे महामो
कराव
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मस्तक विषे समस्तत्रयममा चेतसाम विस्वनमस्तक नईका रुपामहामोहनीय पाकिकप्राणी हिमस्तक तो हापरिवा महारकरी मे ॥ कर्मकर
इतिहास करीन
वलीविलीकर, जिमवाटया
करी ॥
मावाणी या २३ नाकरी
हमार
जावई ४ सीस निमजेएसएई उपसा दियंासे व्हामोदय कई शशि शिएट
मार्ग साथै छाली परन
स्पकरी एफसी महामोहनायकक समाचारक एवमेह प्रश्नीमायाप्रतिस्वकीया असत्यबादी मारीनयानदपरण • ओरादिकामइक २६३६९६ कायन्यमा मटावा या पोतानीमाया करी ॥ रानइमार६॥ उष्टाचारतिगोपव5 ||
जनस
शिन उददेसेज फलेडे महामोहई ६" गूढाया निरद्या मायमाया चाय असता
खेडा महामोहनीयकर्मा सर्व सैनिकोईरुष भईगोप॥ कशमानमं ॥ ॥ त कर्म करी करण नई ॥
कर्म को नीचे टिसकर्मक जगह कम की ते महामोहनीय कर्म हम यह वाना नमक परम करत ह क शक्के विघातादिकदुष्टव्यापक महापा
राष
प्रशिगिन्दाई महामोदं एक वाईट से मंत्रमुगावा नुम्मका सिति महामो कुछ समाये
कलहकी महामोहनीय कर्मकर नायका नेहा नयंत जननायक १३॥ नान राजा ॥] नवेदराज
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सूजाक सत्यको कानी रिषदामा हि छइसी ॥ कोईकोनसा ॥ च॥ पुरुषः
ई छ' रामाशोपरिसते समोसाई सासर म्हमोद कई प्रशासनयन
नम