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________________ समाय वादीला विमानक मावदेव गते !! बांधत छक) नामक नीतिमा बनेक देवतानम हिमायावी उतरति ॥ वी विमाा वास सय सदस्ता प' ददन विधि माग नाम सम्म संग्रहादी संघ तर पगडी तो शिबंध नि नंदे दिवगतिनाम यजातिनांम वैकिनारीश्नापकर तेजवारी कापणारी समक्षरंस से स्वानना कियारीमा म कर्म ॥ कर्मशा कर्म शा कमी ह २४| २५ दगविना में पंचेंदियातिनामं विसहि यसरी नामं तेययं कम्मर समचरंस से वाराणा गंधरसरण स्पर्शनामकर्म ॥ देवानामकर्म ॥ रुकनामकर३॥ उपघात नामक यराघात नामक १४ व छियसरी रंगो वं यज्ञानामक प्रशस्त ॥ ||१६|| विहाय गला व गंध रस फासना में दिवा गुडविनामं अगला में उपघायनामं पराद्या यनामं जसोना में पस गति नामक ॥१७॥ तसविण्वस बदरनामक पर्याप्तनाम प्रत्येकशरीरमामा) स्विता यह बिल माहित्रन्यतरश्रने एकनामा नामकर्ममा कम्म स्विर ।।। विहाय इनाम तसनामं बायरनामें पतनामं पत्तेय सरीरनामें विराधिराणं दो एंड रंग नामं निबंधति साना ताल नाम यह बिॐ माहिप्रमेश्वा एक सुलगनामक सुस्वरनामक यादेयता श्रनादेयनाम माहि नाम कर्म बांध ॥ २३ ॥ श्रीमा ||२५|| मकर्मा || यह दिॐ सुनासुला दोन्हेंम लगना मं निबंध सुलगना मं सुरसरना आएगा नाम दो साथ रंगना मं नार्मकर्म बांध 1125 एक ॥ कुमानमू ४०
SR No.650013
Book TitleSamavayanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHirsundar Muni
PublisherJaiselmer
Publication Year1699
Total Pages248
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_samvayang
File Size130 MB
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