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________________ ककरा जबान विषरिक्त व्यतीत्यादिवस तीर्थकर होस्स कदैई मंगल से निर्वा हाइ || सीयशा 5) ४ ५ बुद्दा विश्व वासेश्रागमेसा एडस विलापचनासं तिचंकारात विसीति तं तु मंगलेच मिदेव द्वणे महायश· धर्म अरिहंत आाग लिन्दो क्या || श्रीचंद एफके महाचंद्र केवली तसागर दोस्पइ तिन यमदाम से धमया श्रागमेसा एहोरकं ति सिरिचंदे ष्फ के ऊयम हा चंदेय केवली यसोदोखेती गरे सिधाई घोष महाघोष केवलीकर सत्यसेन तत्र सूरसेन परनाम महसिन केवल सनिंद १२ लज्ञानी १३ नजनाकर सिक्षा सेनानाम १५ ज्ञाना १६ २ समोसेच महाघेोसेटा के चली सच में ऐयरा सूर से यहा महा से ऐट केली सहा दिय देवताकीदो सुवास सुचना सुकोमल त॥ 這 ११ कहते श्रनेन विजय विमलर र हिं स्पश||४ १८ प सहजन नीक। रहा देवकते हो रकंती ४ सुपरिहाराय को सले रहा पूजनी कमा देवानंद अरिहंता चागलीच नवी सीई बल॥२३ हो स्प २६ IN 22 a नामइ न विजएइय विमलेनरेटर यह कपाचवी देवता देवनर केवल केव चागमीश विषलानी का लई स्पे दरदाय महाबले देवा दर हा आगमे साए दो रकं ता एलेखनाचा वा संरेर वनवास म्मि केबलीचा ग ४२
SR No.650013
Book TitleSamavayanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHirsundar Muni
PublisherJaiselmer
Publication Year1699
Total Pages248
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_samvayang
File Size130 MB
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