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________________ २ मायक यमानिनिधिमनशमनायमसेय प्रारुमतमधकार जम श्ययनराशिकंसवधरना रीनिहा नमसनईवि रसपानीमा मयारा कणसाधकीन मोक्षाकर्मक्ष्यत्ययः॥ बीचव्याछ घ ना का काणाधका पाम घरकारचयासमााडहडिणमयस्मिोहिलाएसंजमुसमंतश्योतिप्पमुगकाहि तिङधशकयंसक्ष्डरकमारवंत एल्यूकहीशाशन पासगशाम एरिनासंख्या संरख्यातान्योग संरयातीसंग्रहलासूत्रसके तहअंगाईगपड़ी करक। शाय नेशपरिणवमा विध लावाचना॥ श्यावशायर्धघan सातमम श्रृंगासनवि दिक कएककसके तन्नयामानीवासगरमामुपारितावालामदेवामगारद्यातासंग रोधगयारासतमे दवायचायनाधारणदादिकश्राव वानवानकालना क्षासमुनानका श्रीमहा संरव्या पंदनीसहमपदनपरिमाणम्पारनाथ कनापणलाकहताकया। असे लकया चीरमा बावनसहसपनजाणिवाकया। गेगेसुतारकंधवसतयणाये दसबसणाकाला दससमुदसाकारला संबछाएटासहस्साईपयोपरमले सरत्या यकशा यावधानिहांलागिधर करणमिविश्वादिक पामकक्ष्साामालमसतियधकिर्फतेहादशा ता॥ रगतामण श्रारख्यायलेकहीन अंगाव अंतविनाशकर्मनाकीधातवास सामग्रेसका परदेशाप्रकश जावयधरणकापायाश्रावविद्यतितासगदसातो सेसिंचमगादसातो नाश्तेतकाततस्मीनाक्ष अंतगमनानाविषसंसारतकारी जीवनानगरन्यामा परेलोकसंक्षिसोगा क्रममसणवत संख्यामिमधमवदना संगम चपवमानसमासरणा धर्माचार्यः धम्नलिहिलाका मागमीपवल्या परिमारसिदष ध्ययनस्यादिकमा मनोसरल पकिवाददा तिमा सरल अंतगाइदसासुरपेलणाणं जगरावधागाईचीयां बांसमोशामाधम्मक सोगपञ्चधातोसुतसवोपछिमाता३ ४.याराडाराजा माता पिता लमंडाराया सम्मापियरोxtsore Fas y -stains ५२.
SR No.650013
Book TitleSamavayanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHirsundar Muni
PublisherJaiselmer
Publication Year1699
Total Pages248
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_samvayang
File Size130 MB
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