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________________ पूर्वमुनादि (डिपछि उत्तर माती समुद्रम रामनाम आवाजं श्रीप की प मुकाएकामा चामत्रयजनन गरामध मन एजमली एक लापह लाश कलर वाजेनाविचाल इससे जन मन पीठ का पासी इति पाक सहस्त्रनाम पती सोलसर योजनाल महादेवारा उई हापायाला एंते वलयामुळे केकते दते ईसरेल समुद्देशसिंचाई पंप सानो जस् यात्रानाचाचा (पेजलदसमश्नाति महासमय रोपनीज तीर्थकर सर्वमिमंचाएं बहुत क्षना जाण हामी योजन लुगाई | एलीकरा सदासीन सर्वप्रकीया। महावीर स्वावर मर्य दामनश्याम मालक अर्ष दि रमेश दारा देखे जनद्गमा क सिया ।। aana परिहाशिए परमते हा पंचनदास सदस्साई परमान पालकता सिदे बुझेका दम्पती प्रणम १९३ साला गाव सर्वयुपालन ते कि माह मई महि६५ वर्ष रह्या ही सर्व रककी था। वस्त्रपर्याय वौद१वर्षकेव लीप सोलर व कर्षः ॥ एनिमा लिखी है। एकैका । राजाने दानि ॥ स्वरुपक कमाई ह स प्रदीप सा मकराचा कम्प रामराव धनुश्क्नोमि श्याजा ਸਸਸ੨॥ एएदा लई क 39 समुद्र रयतेचा राई दा साइंस ज्ञान ये पालता सिहेजा दम्पती एबं गमे स्मरणारंचकर हिस्स एक मारसपत्तीने दक्षिणदिखाई पचासला पासावारदि व्यवहारिकदंतेजेमा कोसीसदीय मास ४६३६ साली सलापाविजे मिली ए६लाष व्यवहारिक नाम होइ मोटाइ || सथनघाय व्यवहारिक गुमाई कह्या महान इंगाम को मारा दास सतसहस्सा में व दहा दिंडे ब जातीस लगता २४ प ईमादागमक मला सर्वास्यतमं विचार सर्वास्त मालिका यूपसर॥ सर्वादिमुपदि मुगुल बाया मापा बारमात्र निवास कांति ६पुल। दिवसेन३५. ल गुनमा होइ सो मकरसीदास गुतापित्र्यं गुलमाण में पक्ष समालियान के मुदिरात प्रतिमु सदस् ऊपरली = मुझर्तक दीये एन विद्यमी दिवसकाइ त किमार दिवस नागीता बारणी को ज व्याकर्मी दिनका लाग ।। सीजी
SR No.650013
Book TitleSamavayanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHirsundar Muni
PublisherJaiselmer
Publication Year1699
Total Pages248
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_samvayang
File Size130 MB
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