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________________ जाप कर४ स्फटिक 4 मसार १६ सोलकोत्सहन नश्मा राईबासीको कमीसी सयोजन सियानी। नई बिसयो मन्त्र महाहिमवेतच बसवेय समाय रिमतानाच श्मिंता च (सागं धिय समकं दस्मदेहिछेदरिमंते एस बासीको साईवाहायचं तर पं सीमा त्रि धाकरनगव्यासी बन वर्ष ४२वि सईया मते ही मणिम हारमनी परिकहिया सीमा स८०पयोजन श्रम श्रीमहावारा व्यासी रात्रि दिवस व्यतिक्रम्बष रूपया नेताको! देवानंदानाग शक्की विचा लाना गर्न ब प्रका २३१६ साहस्सा हरिग मिषाई पचाया। वंरुपिस्मदि ४ समसग महावीरे बासीतीयेरा इंदिगदिदीति इंतेहिं तेयासीनी मेरा विदिपवमा शीतलनाथसमाचरिहंतन आयकर स्वविश्मंमितपत्रम इंसिया सर्वपक्षी चासीनूगलरचा ॥ यावर्ष गृहस्य ई १४ कामतांतरे॥ ★ जाते सुति हाल ४२०३ पासी वर्ष लग गागशंसादरिते सीतल स्मरतो ते सीलिंग गहराया देरशाम मिपुत्रे ते सातिवासाइंस ऋषसञ्चादिनाञ्च कोशलदेश व्यासपूर्व सहस्त्रलग रिहंत ॥ नानपना॥ रागारको मककालमहिपलिकासो सेदार काम का मजमून सावित्र हंसगलिक सोधिक ज्योतीरसए जन र अन9 लकर वर्षमस्व पर्याय २६वर्ष केवलपर्याय सर्व मिली पत्रवर्ष घयां ॥ अगारक्षासमहस्वाश्रम माहिवसी नपाई ॥ छाउपालमा सिहेादपक्षी उससे पांच रहा कोस लिए सीति इस य सहा इंचगारवा समसेव दानादमयागारगृहस्व सरमराजा श्री श्रादिनामविदिमाना प्रकीरण गरी पदी कुमारपण २३ पूर्वजावराज्याश्रम एवं सर्वलाषा सरिपूर्वाषा कुमारपण६६ बलाघपूर्वक गृहस्वाश्रममा दिवमी विपती एवं व्यासी पूर्व लाल नगृहस्इजि नाया। रागद्वेषजीप सिता मुंडेन विना काप" नरहे गांरायाचा रंगही ते सीई इस तसहस्मा इंगारमसेव ספ
SR No.650013
Book TitleSamavayanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHirsundar Muni
PublisherJaiselmer
Publication Year1699
Total Pages248
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_samvayang
File Size130 MB
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