SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 14
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ऋग निसिह कृष्टिकटय कृष्टिनरावलंसकर विमानवियनदेवताय तेदेवता उष्टयणश्या रिमा गरोयनयान पापनाब। या विहिसिंग किहित किराष्टिमा विमान सिदिश कासगारिसागरी किया तहदेवता विजंईमवाश्यत घामयसासले घणसासर उलेमतेमचनमेनू देवताने लठपरववाशी उश्याम मासास वाईनिदेवाचन प्रहमासा त्रासाप्रतिक्षायाण तिवाअसतिश भीमसंतिसिगंदेवारा विश्वसहस्सा भासोगमादारनमनपा केतलामक सयक जावविचा। नवगणच्याएसवनेशतरंसा कस्पन॥ महिंधामसाहस हिंशाहारसमुणगासवसिधियाजीराव सिध्यहि सिशिररी नमतकरस्पन॥१६॥ तिवाणसमान अ धिकार्शलवायता प्रान्मामरकादिकविपना पक्ष भरतरण पाकियाकही कियातकायादि कारचायायधकरणका नीपजावी कमध्यापारकरबीकाथानीय वनादिकनीपजाविधालदणाविकीHAV जे. वीत कोयिकी किया का यवधारण सामाकसितिकिरियापनताहा काश्य प्रक्षिारणियापार परमाणपश्तिापरता परवानउतिपादिना यांचमहामाश्रावक सबंधकामनवमकायाकरीधारणकारणनुमति दकशानकायनाधा नादिकंडरबनजाविमiana मावनोपशाच पदनामनिपातविनाशाहपकीविरम समिनिसबंधागालिपातवरमण चितपारपतापानकाक्रया पनि निकी क्रिया मावनममदाब मममहाव्रतरससकाधलासरदासनवालवावकारवरमयसवाल का. याव श्मणाजावरवामियरुप्रदधकाविरमवन रसवश्वादावर भरा। परतावणिया याचाराकिरवाया रहदा सहा या हाइवाटावरमांसद
SR No.650013
Book TitleSamavayanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHirsundar Muni
PublisherJaiselmer
Publication Year1699
Total Pages248
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_samvayang
File Size130 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy