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________________ NE. मज्ञाय चाणक कटक स्वधारकट करतानगरवासि सझियाण बंधारकरकमगरनिवसाकरसाम पतनी श्वापना इषध करिव वामा रकमा मथुछ रवानप्रमाणक वान मानानोमानग सेना वासवप्लिकला॥ स्वनिवसधा मानघण FOR BANNav मालादिक सस्वापना याणानामवं मुधि अपमिद्रह वंधावारमा नगरमागरमागरवछावारनिवanनसे संसद कलाकहीय तक्षाकरण घोमानसीष रस्तान मेकला सुदन हिरापपरसे सुवनिमणिरमादिक बादाद मासा नियुष्य मन्त्र - ली। Faraasaरवश्वकला खासाषाधिवन। ईशकला नपाकपचा पंचसिस्नोपचावि कारमया मान्यव निजाक सिकमान बाजाम BHIM4मा: महा । कारक कमिजा लताका शाम', म्यगतं श्राससिरक चिसिरकंधावयं विशादा सुवावात मणिपागं धावयागलाई निजाई जा चरकला मष्टिमष्टि उतावली बाजा यह सूख वर्तवाली मालिकाममलड़ी पक्षपान कागसेवकि सूत्रामरिणामMasihati पाऊवायफकिव बाजबाऊ कयमांकास रकमाझी मारवावमनवदित मामाल मिर्यचनझमेघना MEROINबाजजमजिसमेदिन मकाऊवमीकावायवा नारदिवाकिकिरीसनामाचाधवनाराहा। बुझ६५ करीबञ्चन ६६. सिजई मुछिइंलयाई बाजाई सुतरवडे वटवडं नालियाखयतलेधंकडधंसीवनि इमारकेर्ड योनिकानी -निपजीवतानका की नापंक्षीकामा संवि नसनापीमि कला विकलेमता वधूप करकलाraqyवरले जाणीदरा उलीपनीचीनने पवविय निर्या घकष्टी बजनरिसर स्त्रवर्षमा स्विति घासनसतमितिसंमुहिमरवत्यारपवेदियविहिरकोणियाण नकोसणंबावरिंधाससहरमा कहीऽतिब दिassaरिमाण लिपी ऊरिम सामरियमरम्मकयु समवाय॥ गलक्षेत्रवारमया मनिसंदेश जीवापणिधरुपजारि से सहसयो अम। पवरपरयोजना। नवमययकर जोमन रविती हरियासरायवसियानाकीवातावलरिजायणसहस्मानणवयासमरजायंस
SR No.650013
Book TitleSamavayanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHirsundar Muni
PublisherJaiselmer
Publication Year1699
Total Pages248
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_samvayang
File Size130 MB
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