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________________ समाय डीघ की मनंदीश्वरीतेन विवविदिशिजन गरिने काग्रेन नागेनि ६६०पाक रिशवा विवादास्पद भुष पर्वत शिवरलाई पकडीयाला पूर्जर देवाधान्य सा नेते इस चाय का स मारणेय साहसी तोप सबै विदधिमुपयाना संग संहिता सह समादिकंतु देशांच सहि सोधर्मदेवलाकला विमान श्लाघविमान त्रिमिदेवला विमानका शतसहस्र सबलान देवलोकगरोस कद्रवी सहिलाबा लाषविमान ॥ ब्रह्मलोकईच्या स्रयोजनमा एाइक द्या ॥ जालिदा ॥ ऋषिनिव राजान इचा सदस्साई में सोहमी सास बेस जो ययती सुकणे सुदवस हिंदिमागावा ससत सहरका में सह जंबूद्दीपन विषयक सवसीय जनमाहिइसवि सूर्यमं मसनानिष सल इस मामूलई॥ विरकंसपपिलपण सहसयोजना उपवाससि अरं वर्तिन विॐ दिसनाममा णीन सिवियष्टिक हतांगरी २५ जिष्टि क कही पल दो सहिना २ | मह मोती मुक्ताफलाम चंद्रकांता दि करन विशेषते मयाहारका वाय॥ संपूर्ण हिमा लिपीब = स्मदियांरनोचावरंतक वहिस्सा हीली एम मुना महारे यं ६ ३' जंबुद्दीवर्णदीवेप स्वराश्यत् पर्यायामार्यपुत्रसामग ४२ प स विवर्षल गाहस्वाश्र ममदिवसान व्यावसविन्नाई नईगारात। गृहस्वामी अगा रिसायणषड्यां पाया। माघ सगितीत्रपरि विप्र सर्व मिली परसवि६५ मला कट्या तलवा सक्ष४ उन स्वपद्रव ६ केवल पर्याय सर्वा सहिंसूर मंडला घेरेगा मोरिया ते पण सहिंदा साईगारम र सिता मुंडे विता गंगा रातो वर्षण्य पंचाची।।। सोमदेव लोक मध्यवतीसम्मतिंसक दिमाना नई निवासाने दन महा विमानन। मनुष्य के सही पनि केकीया हाके की दिन गढसमीप इस विसो मान मेरा कारण विशिष्टस्तानक समुद्रमिला महिदकि कासवाय॥ शार्धमनुष्य क्षेत्रमा दि६६ मा नासा यौनकर २ गाश्यिं एहतिले सोहम्मदहिंसय रसगं दिमाग साए गमेगाबाहाय्य सहिलोमा परे व दाक्षिणम A 249
SR No.650013
Book TitleSamavayanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHirsundar Muni
PublisherJaiselmer
Publication Year1699
Total Pages248
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_samvayang
File Size130 MB
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