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________________ श्रम निर्मलसावमा करी] सम्यग् साचव ग्रामालाविव तेमृगापुत्र परिघणांवरमदी का पालीन। मासदीस ज्ञातपाणी संलेखणा करी अत्रादिसहा दि| सम्मनाविषयं ब यागी जना साथी । सामन्नम गुपा लिया। मासि पाउलान्त्रगामि हिंयात्रा एवं प्रकार ज्ञानतमितविचरण लोगन इंदिया महटिज जिम मृगा पुत्र लोग वीनित ज्यातिमा र निवन माहे प्रतिमुक्ति पामि या महा गुरोरया एवं करितिसंबुझाएंडियायविय रकगाविशिय हंति लाख मियादा मिसी तव्रतानुणी जमतेमृगाचतगड बोलिये संत विदेमृगामारीप्रधान त्रिलोचनमा हिविश्रामविध्यातमि पलावरम हाऊसस्म। मियाय पुत्रमतिसम्मलासियांदाच रियं चत्र मंगदाणंचति लोग विस्ट होलोको मृगापुत्र माह मोशन सुखावह यह वी धर्मनीधारा गहबुधा 1 नुसारधरिव कि सिघंकरीन । धनले दनी इरक धार पहार ओए नई ममत्ता बांधव यावदान (योग्य) दिया गियाड र विवहां। ममत्रबंध निधर्मधरा किसी गई। सवेष्टि निर्माणमुक्तिमापन का रणि ॥ महानयावद। मृगामातः ॥ (६) सिद्धांत संयतन लान निगुणादेशिक तिमृगानयोः सिमरा महानामा किया। मंडयाम करीना धर्मनीतिकरण दर्ज तेती सीएम कनक हितांसां श्रीसुधर्मस्वामित्र प्रतिकदई धारनतेमुधापी राजा श्रेणिक मगधदेशानुसा नादन] श्रधम्मंग अणुस हिंगा होम शापर्यस्याग गया। मनिसर्गदादिरवा विहार जुनि तलव मी मंसिरमा मिनीडानिमन्न किसिघवन नामादिषु नानाविधयं स्वीयसेवित बनानाविधले संयुक्तेनद्या नवन द्या मंडिसिशा नागोऽमलिया मेत्री नारणांपरिक निशस दियंा नशा ऊसम संछन्नं उद्यानिट • इप्तिसिष्ठस
SR No.650012
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorJaysundar
PublisherSanchor
Publication Year1682
Total Pages230
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size124 MB
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