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________________ 3 ताईबाई रुन सोगशासांनी यावनईएनबीई) जिमयंखीयाफलरहित बांकी आईतिम देशजन अ विज्ञान नयादिती गांधुरिमाणां निच्छा बच्चिञ्चलागापुरिसंचयंति। मंजर हा खीरा फलंवेयरकी 40000 X सिनोगे लोग बांडवा श्रम कानई कि वर्मकरिनधर्मनस्विररदिन सर्वप्रजा लोकान दयाकर देव होइ सिवैिक्रियलश्धिधर मात्रा। श्रद्याईक म्माकार हिंराय । धम्मेसिया कंघी। तदाहि सिदखादि॥॥॥ दराजन कम लोग ही हवानी बुद्धि तंत्रात परियटन विषां गृहग्राम बरं नलुपिचा लायसुझको कटकी झुंड मिलच ऊंच मो शोचन दी। गिद्दा सियारपरिय देस मा कन्निविला वा गच्छामिशांच्या कलावी चालदेशनु स्वामी ब्रह्मदत्त्रनारवरते घीसूरत नाशिक विधनरण करीन सर्वोकृष्ट काम लोग दी नई मंतिन सायंचालरायां वियबलादात्रा साहस्स saraiकाउंछनार जिय कामले गाढप्रतिहिड रकम नरगि) ३४ चिबुजीव सर्वोकृष्ट सं यमपालन न काम लोगन विष्य इंदिरमाई राम श्रणुन्नारमा भरण्या३५ चित्रादिकाम हिंदि रत्रकारमा | उदगंधारित्रतावामादसी । प्रणुत्ररंस) अनइंगुरुचरित्र सक्ति ऊंसिसि इतिश्री चित्रध्ययनं संपूर्णमिति १३ ६) के तलाक जीवहर अमयाला पुत्ररं सिद्धि गगन शिनमिइया इति चित्र संन्धयनं समर३॥ ॥वालवित्राण विल सविंदवताना एक विमान वासी देवतांचवी नई कार रिनगरिकंपना किसिम्तेनगर जवाब सहित जन्मा पारलगंम॥ कईयांगविमार्णवासी पारपुरा शोधसुयारनामा खास मिसिराली यरोम्मा शासकमीससे
SR No.650012
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorJaysundar
PublisherSanchor
Publication Year1682
Total Pages230
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size124 MB
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