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________________ श्रनादत्रात्रर्य नन] दिडिमोल तिम बयान एवं जिमऊ अरगाऊंद्र दाणीइं परिवरि साविवरम डबलवंतजीयना माननं दिधा रंग वंदन हां कररपरि कराऊंडर सहि हायएगा बलवानापडि इसकाई। इम कारि हिमालतीमीप्रोटमोटन स्कंधधिप्रस्वामी उद्योस। तिमव श्रमशोल हम एवं देव बऊ स्म।। २८ । उहाास तिरक मांगा जाय स्वरध विरायद्वीवसाद कूदा दिवई एवं दव पशु जातिमा) हे प्रधान तिमोल २० जिमते वासुदेव शेव बत मसीह तीरदादा नष्टश्रा कुलनीय करण इजी पीनस वंहवब ऊ हाम | स्मृगणारयाज हामतिरकंदादादयेऽहंमपासी हिमिया चक्रगदाधरखामिनं बलर सिग्यो तर मोहिम लग सादावा संखचक गयाधारा श्र डिह यबालजो चकदरनत स्वामी तिमशन ७२ निमम श्र । तिम तह २९ जिमचा रंगचक्रवात्र महिदिकमोरंग रावसचाजताच चवही लाचन संयुक्त वज्र सहित दानव पुरनगर दिगाम हारइंद्र देव स्वामी ति महिडिया वनद्दश्या दिवशी एवं पाश्शाइहास सहस्मारका वाणपुरंदारासांक्वादवा दिवई। य मनात मग सूर्य धारुं विद्या मग मिते दिवा कर दी भिवंत गो लई । निमन तो २४ डिमग्रहगणन स्वामी चंद्रम या उन्हास तिमरे विद्यासावन्त्रिद्वांत दिवायार। ऊलीत एवं हा सडुवईचादानरक नक्षत्रात परिरिव मिमानुप्रतिशत निमबहुत जिमते गोत्रम लोक त चाकूर श्वासमदा यता को गर नानाविधधान करी त्रपरिवार पडिउ पुण्यमासी । वेदवाईया र उहासमा माझ्या शात २५॥ काहगार सुरिरिक नाराय rey
SR No.650012
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorJaysundar
PublisherSanchor
Publication Year1682
Total Pages230
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size124 MB
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