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________________ धमइसा निंदचलवंग प्रसिÏजोगाड गावे ते माजी लगाई शरीरमा विलासताल गई गुणा बबई इति संरवयंध्ययनं चटबार्ध शल ४ यापरशाहीमात्र कंगु जावसरीशल विश्वमि । स्थानिय से स्वयंशय ॥४ कती करा दिक संसारसमुद्र मोदप्रवाहन रिया । अतरवास क्या नई नरक महाप्राज्ञ श्रीमहावीर जीवनमरण संबंधी यावि सिमादा हंसिएतन्ने रुचारा तयाग महाशयमुदादाला शाम शाशासंनिमिडवग रविवासराबोलि ए वोमक दिया। या एक काम मराबी सकाम मरणा को ममशाने कही जिवनमा सोममरण बाल वर्षमा काममरण निरंतर पंडित तिजेधीरपणइमर स्काया माशांतिया का ममश दशसकाम मशांतिदा । शा बालाएं कामंा मामल नईस कॉममराव ऋष्ट मनी इंगक चार वहि | पंडियागांस का मंत्र | आक्का रसासनावात सूर्यप्रति दिलंपट कर कर्मकरी जे काम लोगन विष काममरणश्रीमहावीरदेसिने जे काम विषयन विष‍ • विमपदमवारी महावीर शारद सिय कामगि पडा विवदानवप्रवर्त। कयूटनाक रणहार कदमयर लोकन घजदाबाला निराशा जगदे कामाला गाडा इंगनामदाराला घरकु aji कमलोग एकाम लोगमा दर दाधिश्राव्या श्रजेावनविते श्रनागतका लिया। जांई। जेय र लोक वाघा दीवा दिवाप्रमारशाया। दयामया शमकामा । कालियागा गया। एकाजागइयारालाय। अधिवान चिवा ६ जीवलोक साधि मिलवई करीडरक प्राम । बालसूर्य काम लोग करीस गर्दा अनुरागिकरी नकेश यांमई : तेजीदतियारसवित पुणे||६|| डोशास हिंडुरका मि। बाल पगझी कामाला गागुराग कसंसंघ डिक्की | प्रतीस दं
SR No.650012
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorJaysundar
PublisherSanchor
Publication Year1682
Total Pages230
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size124 MB
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