SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 161
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ FXX समकालिक ककरतिक्षारत संघर्ष हस्लूं श्रावणरहित विश्रद्दनिर्मग्न लोक लोक प्रसाधक प्रगटकरण हा र केवल प्रथ मरवायचाणुत्रशतंक सिप डिप नेमिरादशां दिति मिगं दिसु होला गोला पदा नवनिकजई। अन्नसंयोग गुगवाईतांगो आदि संचारखई। ईराव ई. कर्मबाध कर्ममुखि स्पर्शमात्र सिमा या उई । जाबसाजागीनवा नावर्थ रिया विर्दक में निबंध सदफ रिसई समय प्रमागस्थितिप्रथम समय बांध) बीउसमयावर श्रीअसमय क्षय कर इम बांधिन वे तिकाल लिए। करमल नाव: कवलवरना ਸਸਸ ਬੀਸ ਜੜ੍ਹ ਸਸਸਸ ਵਲ ਭਤ ਵੀ ਉਹ ਦੀ ਕਿ ਜੇ ਸਧਨ कर्मरहित १ हवशेलेमीक दिनांक मानक नावां एई) के वल्ली यघा प्रमाण या ऊपाली तो मऊ श्रायुत। किमया विनार्थपाल हा धामसाद जागरणारा हंकार मा योगनिरोधक किया सिमांमिश्र प्रतिपातीयायुक्त करमरी शासुम करियंम्प डिवाईस झाकायमा इथय ध्यानध्याच पहिलूम ना योगनि/ संध) पबवचन योगरूप मया मागं किंत दाट खासि काय योग । प्रनियास। पांच हजार वई जेलुका लजाई तेन लई का लिसमञ्चिन्न क्रिया नवत्रिशुलध्या सिंह व चारागरसमुचिन्ने किरियां नियहिं सुकं झा च्यारिकर्म समकालि ) 92 अयं नामंाचणचत्रारि विकास गदं तेखावा जुगवं वाद राहंकार ननु वेदनी श्रायुर नाम र गो३४ जियाय मागादयमियां 30
SR No.650012
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorJaysundar
PublisherSanchor
Publication Year1682
Total Pages230
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size124 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy