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________________ ती चार दिवस संबंधी कमिचीन दई ॥ ४ कावसग्गपारी गुरुप्रतिवाद) दिवस ती चार 44444444 कारा या पुच्छासा। नाएं मिदंसगांवचा चरित्र मिताददया था परियकावरम या वंदिलात गुरुदसियाईया रा Hau अमिलो ४१ पडिकमी पापा ल्यानी चार शल्पटाली निशल्य घई गुरुवादी र वामकरी वाली गुरुवादी स्वमणुकरी चली गुरुवदी। चोरित्रज्ञा वीनस कर लाइक मंगलं कि मित्राए निस्ताल्ला । वैदिज्ञात गुरु का सांगत द्या महदुरको विमा रक कान सग्गपारी गुरुवादी सुतिस्त्रवन मांगलिक रूपलागी कालग्रहणजो ईलिड ॥४ पहिलीपारिसिस्वाध्याय कर। ||४२ पोरिय का साया दिन चकाजी काले संग डिलिहा ४३॥ मया रिसी मशाय 75. बुधी पोरसमझाय कर ४७७ नः बलीची पोरसि मोहिनीरज काल यंवचन शिगाया रिसीप चनचीगण कालेन पडि विश्पोर सितलाई सुघलागिशेषघाकत। गुरुवादी कालावश्यक रिसाएशा वंदिकं गुरुं पडिक मिलाकर बीजीयोरमिध्यानध्याय मुंऽर्घविचारसं नारदं । त्री माजी पोरिसिनिश कर विश्यका जियायी तयाय निदमुरकंडा सशा [ लिई गृह स्वादिकः गजगाम । संचल रहित सझाय गुणाध्या रेल दिया | सायंच तव द्या आबा होतासंग कमी कालमिलदि४६ व्यवसस्याविनकानमय करई) सर्वऽयमोचन तेहकार राम का न सम्गकार। सर्व रकमूका लिस्म का लंड लिहा६ श्रामं गए कायावा सध्या सहपुरक विमारकर कासयंतछा। सहरक वानका रतिकार बनुक्रम रात्रिसंवैधायान्त्र ती चार चीतवई। ज्ञानादिक दर्शना दिक तथा चारिबादिका चार तिहारपटक ६६ विमो कारायचा या । चितामा नागमिदंनगं मी/ चरित्रं भितवं मिया पोरिका
SR No.650012
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorJaysundar
PublisherSanchor
Publication Year1682
Total Pages230
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size124 MB
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