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________________ देवकलजज्ञासीकने पतिअथवा मानहास्त्रीहरूबर जहाउबा नि निकलेजा सेअथसेलोकीक से० थानकेनथवा रजस्त। किनापनेपामा प्रहरी उज्यसलथाना दइयन्नावसकहर। जा मानने केने लेवा देवकलवासापर्ववाग्रारमंवा द्यावानिछaiसेतलीश्वरवावसय में किंको नाऊफप्रवचनादिकमव्यावसका रुवावचनीकहच्या च-चालताजिता मिल्पी डासिवीवहरेते॥ एलिनकोल सिबलबाथकेगुरुकेहवसकतएप्रत्प- निहावाश्रीपाचौर २चनिपतळे किंतकुप्पाक्यगियावावस्सय विद्यावस्सयंजेश्मेचरगचीवधचन्ममिय नचमबारकाधमतीचनस्मिलगाहा जविकाकरइंगायउवा यहळधर्ममारकरीहिमचितवसहितसास्त्रजालाव्य सप्तनियेतेवी सरीरतेवनायक ह गायवन्ता मानचेटकीमामाहवराजामातापिनाकिनोविन मे गोवस निवडशपिंगगीयमांगीवश्यनिहधम्माधानवताविरुध विरुद्ध मा क्रियावासमन लोकना यनापसंयया१पाहीराका कालीप्रकासएथ मानमुसादिक कार्तिक म्लाकवासपनधव ब्राह्मणवमुष केपानीविहोजावतमाजला जथके लागलेअथवा मामले वययपनियापासच्या कापाठव-नायाएरयपीएजावजलताश्स्सवावधसवा महादेमात्रामाधनस्याग वितामामानानातनवनपजततरवत रविवलक्ष गलीय प्रकारे तीनविन रुस्सवा सिवरसचानेसमासवादेवसवा नागस्सवाजखस्सव जुयस्सवासुगुदस्सनाका विकी भहिबवाहनमनेजमयानगरकोलीवन्तबागकरीमुलोटलकपन फुलसुगधगच्या चदावत हिदला वेन्कोटकी टनामागंल जनसुगंधवाएीना उषेपहपलत्यादिकन्द व्यावस बाएवा कोहकिरियाएवाजवलेवासम्मवारसाएवष्फाधमत्ताश्या दबाचसा ककनी०प्रथत तक ऊसितमाहुभच-चनशास्त्रहना अचवा ला०लाक्यकीसहन्यू प्रावचनीकड़गमावस कनावचनीककहर तते वश्यकनैकोहसिन हवे या कारnिसेकण्यावधणियरछावसय 1 सक्तिगतीणतरियरद्धावस्मय सेब
SR No.650011
Book TitleAnuyoga Dwar Sutra
Original Sutra AuthorAryarakshit
AuthorShivchandra Porwal
PublisherRatlam
Publication Year1853
Total Pages200
LanguagePrakrit, Marugurjar
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size101 MB
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