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________________ थंकी वाल पति विर्षते श्रावकप पानी -दाय समयकी से | जावत स्फर सीनी लक्षी क्षघोष मध की लभी ख० नीली せ न समिया बालपेयिवी रियलधी (सभी आसो हिंलधी जाव का सहयलधी खवसमि श्रावाधवानी लधी 1 जावत सुगावाधर क्षयोपमवकीर वानीला १० ११ १२ १३ १४ या मायारधरलधी जावदिहिवायधराव व समिया नवधा व वोधरे। सरुवा तेहसाग से०सं० से ख० प्रापापकर्मने कार के यकारक | से० ते ० ने क्षयोपसमा चार जनीवेटी खरवस मिय' गशिवायए । सेते खरसमिनिष्पन्ने। सेतंख उस मएनामे । सेकिंत्तं वारिला कि को प्रवास | रू० प्रकाने परूपी ते० ते देवा मिल्नावे २॥ हविहेषन्नते ते सायपारि लामि यत्नव। रविहे पन्नते । ते 10 सा० प्रादि बेजेहनतसाद | आदिमयीजे हनी [तेन्द्रनादिपारिणामिक | से०ते किं० की | ते सादिपरिणामिक ० साश्यपारि लामियए । दिय | पारिणा मिल्य ॥ सेकिंत सा दिवारिला मिर नेकप्र पंच तेरेमा जुनार सुदादी कनाजी एविल लानिनाव कहि एजीएसुरापान पस लान-त से० अथ रिामिकभाव जव कारे गविहे | पं० ० ॥ जुला जुन्नगुलो। जुलघये जुन्नुतेलाचेव ॥ श्रायारु संध्या नारंगच वयकिप्रकासने • कार का पाल विजली मजवि वज चंद्रमा लक्षकत दिसा दाह विषे गंधरवनगरना नगरनात्रा मक्ष नातेज व्याल रका । संशाधवनगराकावायसा दाहा ॥ विक्रया गडालिवाय । वाज
SR No.650011
Book TitleAnuyoga Dwar Sutra
Original Sutra AuthorAryarakshit
AuthorShivchandra Porwal
PublisherRatlam
Publication Year1853
Total Pages200
LanguagePrakrit, Marugurjar
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size101 MB
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