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________________ मले मान-सनेमामुत्तविश्यकामकलमबउत्तरकहे एएमटोअमान्नुवन्मिवक्तव संग्रहनयने। यी नियम एवेषणनिश्चयब मित मनाना यूबिहव्य साहसमाफपुचिरचार किंगछियीनियमाप्रशिएवंदशिविसहस्सन्माणुपुधिरचाई किसुसंध्याताळाव्याना नेतान्तरकसंध्यातानी प्रसेव्यासान यातानी पसेव्यातानाशान शिवशक C नसीही मसीह Hoखियामावियाइन्मिएंतानीसंविद्यानोमसंविबाद नीयतानियमाय संशहनयनोधणीजटा पमटीमनाविषप्रवक्तव्पनी संग्रहनयनेमतेसाहनकत्तमेजारी किंस्त्र प्रणाममान धणी पण एकासीदगगमनावीहव्यलोन्लोक क रिम्सी। एवंोनिविसंगहस्सापालघुवित्वाइलोम्सकनाजस्सकनारी सपासमेअमिहीर अमेव्यातजनिक क ब में पलानापरली शविही. होगा किंसंविधानानेहीघा असंवेद्याश्नागेतीधा संवेधसभामहोना। सम्वेछ लानेभाम । सवलोकनेविमेक उत्तरकले संपत्तमेनागोनर प्रतषनुदानमातमा सर्वलो नो. अमानुप्तवरयाकनरनाळेवाष्पातानागना मनासलचासचलाएलीकानांतरवेघेघरभाजहन्छ नीमखेखाइलागेहोछारानीरिक सिष्पाताजानविष घणामसम्माताजाने विमेनहर निसिलीकन विज्ञ सममनाववागवक्तवर नही चिलासर्वत्नो कनेविग्रेकर बेसनामुहागनासंस्किसनामुहीका निधनामवलीएडीखाल्वोनिविसंगहस संथहनयन मान्नुहुथ किस्स ष्मातभा फरसा घणासष्यत्तानासफरमर वषायसष्परता नते नामकरस या विस्वाश्लोगस किंविधानाफुतिमवेम्जाशंकुमति सिरिजोरी
SR No.650011
Book TitleAnuyoga Dwar Sutra
Original Sutra AuthorAryarakshit
AuthorShivchandra Porwal
PublisherRatlam
Publication Year1853
Total Pages200
LanguagePrakrit, Marugurjar
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size101 MB
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