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अनु यो हा नामवस्मयं उडवावस | हवावसय ॥ नाथावस्य ॥ सेकिर्तनामावरसयं २ | जस्सजीव स एकजी जी०घलजी ०छा अजीव तजीवजीव -प्रा० न्यावसक एह नाम कि०करी बनो वनो 5
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सेना व समय से किं तंश्वा वस्तयं २|| जनं कह कम्मे वाचितकम्मे वा पोळकम्मेवा साधारी रूपले बीती ने की मिश्री से०लीवरी कार ए०एक साधादिकनो नाम करेनीरे लेबीने की नीतली नी परे नीप मुक पक चुकनी परेषामाको अथ्वा प्पकम्मेवा | गंधिमेवा [विटि मिना । हरिमेवा || संघारमेवावा व एना । एगोवा ०घण ( अ०
नेथापनाथोही घटी परह काल पल रहे जिहा या जिवनिल गरहने तवा स्थापना र त०धोका
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ने व स्थापना चनाकरी ने काट फुतली भुष मोटा ले मा गोवा | सावडवणा एवा ॥श्रसनावड व लाएगा। प्राचस्स एवति ॥ डवडला एक बार होते थापायाव ४० स | ना० नामद्याप कोणाचि से | प्रतिगुरु कब वा आवेकहिये निहा सक कहि से० ते ० वसक स्थिती और निहाल जिते नाम रही इ
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