________________
पालकीबालीकीनी हंसाप्रभु फनथीनी कपासन बी पते सूत्र
की माथी नीपं० पा०सेवा चप्रकारे परुयो
पनो
अनुयो कीड थेवालयं । चकर्य । डये (हसभार वोड में काव्यसायं रेकर्ड पंचवि | |(तंज
२०७
मृग नारोम
यट मुनही २१ मलए समय र
ते बाब
लियहिए । मिय लो अथ तेजालसर व्यति
नुनीयख
असुक चीन रेस की उप ही पची लथी चीनहेस वाहिख्यनु नुतविना सुकरातानीच मुही प्रकारेषु उनाराम २ पहली सुर (चीयं । किमिमाचार | पंचविहं । यी तेजसा उंदरनारो मथीनियन अथवा उनना कि चीन को एतेला लिथी पत्ते बालि उादिककाहि सयोगीनीपथ वाले वालथीनीपनु नियनुसणीप्रभु म एक वे कसेवालये ॥ से किंत चक्क । सलमा | प्रथसूत्रकहि सेन्द्रा । तेनोआमद्रव्य सु सरीर नयविय सरीर वरितं सुये। सेतेनोप्रा भावसु क्षेत्रका (प्ररूणु ने कह ले | त्रयाणमथ की नोग्राम थकी ना | अथको तेश्राम की नाव | जात्र सुते (तजा (आगमन | नो श्रागमश्रयं ॥ से किंतभागभट नाव सुयजल उपयोगहत यते प्रागमथ को ना अथको ए नोआगमथ की नासूत्र | वेप्रकारे प्रमुयो | तेकह एवउने सेतं आगमनावसु । सेकितं । नाम उनावसुर्य | विह पन्न। जहा लोकक लोकोत्तरन्थको ते लोकी नोन्प्रागमनाव मुत्रते कोण | जेष्याद्री | पाताळा लोश्यं लोउत्तरियं । सेकिर्त लोऽयं । नागमनावसु जेश्मं श्रन्नाणि द्दिमि बाहिहिहिं
सेतेन वयंसे तं] जाल अथतेद्रव्यसु [ अथको ए ||त से किं तंभा
त्र
नाव सूत्र
वस्त्र
ने
वसूत्र
भावमुत्र
क
दे
रिक्त
9