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________________ एवीए 99 मी कथा कही ३ देव बालवयतिव्रजे पायविलविमान तिनजना ३६ अनुमानमाका जाणे हे हेते प्रथकथकी जालै दि० तेदृशेते करी जालै सा०काल आनंदी-सूत्र अवस्था नै विषैच्ानुमान हे उदात्तनो साधना ते साधककहिये वय देहाने अवस्था विशेवेले वालक्ष्य र मध्य २३ ते विग्पानवेतर तथा दूध नी ल्यून होयविन सावद्यविपाकपरिणाम हि तते इहलोकधनादिकनोलोन ४ ति० परलोक मोकलीयुग तया मिवानो फलजनैते पलमै बुद्धि १० आफमाण हे उदित साहियानस्त विवा परिणामाहिय निस्तेय सफलव ३६ परिणामी यानामा ११ हिवेषणा मायाबु लिए १ से २ तेजिम क्युमै तिम६ ते रिमिकका १२ हिना उदाहरण विशेष काये बैते अन तेजित यक्क्षमा स्वद्योतन राजानो नगरमा हिची बांधी पौमिकबुलक हैबैतेषथम गाथा २२ ऊपली बाते जालवी र अनेयमारे चंद्रद्यतन राजानै नगरमध्ये थी बांधी आली ए १८मा कथाका १ से कोईक श्रेष्ट नी स्त्रीरचारणी ऊती ते जाली श्रेष्एमन मे ने एम्पलाने चारित्रजाधो तदाकालांतरे बेटे चोमा सैराष्यामनुष घुलमिलवा लागा तदाधिगजायाते देवा एकदा रिषीश्वरश्ते बोलीस्वामी एउमा रोगले अनेक की जावोबो तो हिकेहनाथास्मैतदारि सहरली एक रिस एशकोली को वोध/मोती/पाघया उन्नायाविनश्यरिघडारण चितारकमीयाबुद्दी वीश्वर जाल्पामुक नै याज दीघो तेक्वन नोमान था सी तो बीबी जो कोई धर्मदो हिलो कर मै इमजाणी चालदी पोते बोसो जो माहोल तो पारो प्रसवज्योत तो पेटको मानिस र ज्यो इम कहता पेट फोशनी सौते पर कलंकटप (एखीनी जीवास कला पनि घटेर ९9 एमी कथा कही कुमारे० मोदकप्रिय ऊमर नैनू व जोवनात्रीत रूसवंत अंती मनोहरता ते एकदा एक मोदक बाता जीएसटी यो चीनो शरीर बिलो थ्यो प्रतिधा उसासांदिपान वा जालपा वैराग् लिधिगजे ए9रुष नैते जे शरीर ऊपर स्पांजली ममताज्ञाव करैले तथात्रा रार करें इम करता असा आव तांशुमान करताथ का कम करने केवल पान अपनो मुक्तपोहता ए८०मी कथा कही देवी० फवतीधर्मकरादेवलोक गई तेनात्री फलानै तिम्ले है प्रतिबोधना का सपना तरनै विषैदेवता ना देव लोकना सरीषा तथा नार कानाऽषदेषामा ३६
SR No.650009
Book TitleNandi Sutra
Original Sutra AuthorDevvachak
AuthorHansraj
PublisherNagor
Publication Year1931
Total Pages130
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_nandisutra
File Size68 MB
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