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________________ तयावनंतरे मातरमय अरोदी होते. अरिनाथ तेज बाइ मलि० श्रीमलिनाथ जीना नदी धोते स्पोनलीम लिनो जनी सानो मोद्लो कपनो तथारूपनंतर मैत्रः ६ रिना फूलनॉशिश नो मोद लोक नाते देवतायै १९ मुभियमु नितनाम दीधी ते स्पानली जेमा तानेंनला २ त पचमा करवानी मन सा कपनी धूम करवाना महामोटी आत्मा महातमानी बैलेली मुनित एवोनामदा २० नमि० श्रीनमिनाथनामवीधोते स्पान गर्ने समजावैरीना वर्गनम्पा तेलीन मिनाथ एवोनाम दीघ २१ दवानमिनाथप्रतैऊंना २१० अरिष्टनेमनां मदीघो तेस्पाला मैाव्यति वारैमाताने अरिरतनयनी धाराका रौफलहलतीदाही ते अरिष्टनेमिनमदी तेथानेमिनाथ पत्तै बडब २२ पास श्रीपार्श्वनाथ जी नानदा तेम्पानी माता च मादेषतांतराचे सर्वपा सैदी वगेतेनला पार्श्वनाथ जी प्रति तिमहिश्रीमान बोनामदी तेम्पानी गर्ने गजाश्वनरुचिकरी राज्पन राणो वास्तै गुण निप्पल नामबध हांगल धरानीजनक है ब १४० नामदी एकश्री पार्श्वदेवते नै निबिधू बाबु आमाका साथ जानो घर निधीनान्पाधने करी बाथवा मानखामीना नदी एहवा श्रीवीरजीतै २४ 1920 तीन वदतीर्थकरदेव गणधरानमा अनैगल धराने ग्रंथ जो है २४ चोवीस बोल जाणे तिवारै १४ व गणधर स्वैते के दो उपन्नए दवा ते एक गमिलै १ नए ना २ निश्चल निगमीएचा र विषरीजाये ३ देयवादबांवा योग्यज्ञे 4 जाल वा जोग् ध ज्ञेय जाल वा जोग्प उपादेय आदरवाजो प ६ निश्चय वाद विवदार तेविवहारपक्षते बाह्यय देवी तालो कसि६ नेमक विधिवाद (ए जेश्रीवीतरागेइमको इमजकूर (विधिवादलक्षण चरितानुवाद १० ते के इम को लेना मले नई २ कलौ १० यथास्थित ११ तेज गत माहिजे पदाथजिम तिमहिजकहना ११ धम्मपित १२ अपक्ष १३२ मिश्रक्क्ष १४ १५ १६ कालपक्ष १७ नाव १ उमर धोयमार्ग २० अपवाद २१ कारण व्याधि २२ उत्सा वाद २३ युक्त मानिने निषेदी ने बीते द्धी जथापा २३ बाद २२ थापाने २२ उक्त २३ तथापी २३ अपवाद व २४ कारण थापाने बली पौषमार्ग निषेध २४ चौबीस २४ बोलाऊ १२१०: विधि दश बैकालिक आचारोग १३ यम मक्तयं २ ३१वदिक उत्सव महानिमित्पादि ४ अपवादात्र व्यव ६ निशिष्पादिक 9व न चवाईयांग ए एननविधिभेद विचार जाते ना विचार जिजो जैति नाम इतेधरूपक अथवा पालक जाल वा तेनली ग धरानानंदीयादिक सूत्र का इति गणः 112511
SR No.650009
Book TitleNandi Sutra
Original Sutra AuthorDevvachak
AuthorHansraj
PublisherNagor
Publication Year1931
Total Pages130
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_nandisutra
File Size68 MB
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