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________________ नंदी सुर २६ जेराजाने जाई कहो हेखामी हस्ती बैसीयनहीं ॐदै पिणन ही कमर सासपिललेचैन हा निहार मिलन करे स्वासो वा सविनले वै । सचेत दिल नही देश र हितययोदी सबै १२ कहिये तिवारे ते लोके तिम्रा जा सकल तिचारैराजा बोल्यो कार हस्तामुव वारै लोक बोल्पा हे देव च मेज को किमहिना तिनारै राजाबो मोरसी लोकै साथमा गी ग्रामनै विषैगया एसात मी कथा कही हामी कथाक हिचामीनी कथा कहे तेमजे बलीकालातरे राजा यै चित मौजे तिल ग्रामनो मोउदकजे मतलबै तेइ होगा मोक्ल्यो तिवा रैते लोक विद्याथया तिवारे रोहानै रोकही भामै रमाला कडीले वो आपसमै बाचा तोमो राजानै जाय कहो हेवा मी पल्पा बा बोते नगरा नारितदेश ने निकाने पाबोतिलेज बिकागब तेजी या मना पासानामनुष्प जोक्स बीवी हल होयबै अनेविल जज बनसराणा बैते आएमा किम जाइतेमाटैते नगर नाटोन मनुष्मते पिधीवत अनैतेनगरनापदि माहाहोय नै जातते जातनें विसा से तेजली जेब जेलीना रूप बेव्यारमोकली दिवो जिमते नागो रथी बनेको लिग्राम ना जम रूपले एक जेमो कल्पो किमजाय इमलोके कलौ तिवारैते राजा यो केहना ६बै हेस्वामी रोहानी तेराजा जाली र सो कथाकाहि एमी कथा कहे नवकथावन खे नी जालवी तेश्म जेकालांतरे राजा चितौ जेयामथी पूर्वदिशनै विषे वनब बिमदिशिकरोति तिवारेलो को सांजली ने चिंता रथाय तिवारे रो हानेते का नें कलौ रोहा ६ ऊपजावोति हैइमक लौ एउपवनथा नदिमैयामन सालि इम करोवन बैतेपा श्रमदिप पबैते राजावतैक लौ तिबारे राजा बोल्यो एकेहना बुबै खामी एरो ना६ तिवारैरा जा बोसोर चौल कथा कही यस दशमी खारना कथा कबै १० तेमजेबला कालातरे राजायें चिंतन्त्र ग्निविना खीर रांधी ने मोकल ज्यो तेग्राम नालो का सांजविता रथया पबेलो का रो रो है कुछ दोघी जेयले चावल गाटाली जवले जाव ज्यो नै जिमक तिमोजकी बैचावल गादानीजच्या १बै समक्या कायनाता था तथानामनी नाता थी चावलसीना थाली मेघालीने राजा नेपाली आपल्या तिवारे जागो एकेना स्वामी एरो हानी बु६ बै ते पूर्बली सर्वात कहाए १० मी कथाक हा आईया० आविनानी कथा ११ मा तेइमजेतिवारे राजा रोहानी कुछ निर्मली जाली चचराई जालीने ते रोहाने ते मामौ रे रो हा आपण बुदे करावेगो आवजेविल कूपमति वक्त पते मति वजे रावना वै दिन पिता नावे जोता व मैनावै बाहमा नावमा यो नावै पालो नाचै पथनैविषैनावै उपयैमतिप्रावै शातकालेनाचे बकालै नावजे तो पणनही नरयोपित नही 29
SR No.650009
Book TitleNandi Sutra
Original Sutra AuthorDevvachak
AuthorHansraj
PublisherNagor
Publication Year1931
Total Pages130
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_nandisutra
File Size68 MB
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