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________________ आनंदी सूत्र 29 ते कालार ६ सिनोच्ांत रोप में केत लोतेच्तार 9 ना६ बैतेदय उपसमियर २ खइए ३ समीए ४ परिलामी९ ५ सन्नी वाइए ६ एबैनावमा हिसिद्ध किल नावजवतेवार 9 सियानोाल्य बजत्वते किहां २ कथोडा घेाबैतेन त्वरक्ति दारतेमध्ये सिद्धा ना बेनेदजाल व जेवण पांतर कपना ते प्रथम एक समयमा सिद्ध विचार तो थकति एक बार दावास 98939 नोटेच्या तरु पर नैक ते दो समय प्रारंभी अनंतसमय ना सिद्धले हनै अपना घणो का जथयो अथवा कंपाऊ१२ गनेरा रहित सिद्ध थया ते १२१रासिद र तेहना १५ द्वारबे नेत्रले १२ त्रिलोक तेत्रा मादिरातेकानधार र नरकादिक ४ गतिम तेगलवार स्त्रीयादिकर वेदतेवेदद्वार से तीर्थंकरवार सलिंगयादि ३ तेलिंगर ६ मानाय का दिकतेचारित्रवार 9 प्रत्येकबुद्धि यादिकले बुधार मतिमानते ज्ञानदार अवगाहनावारी १० ता काल ना पचादितेउत्कष्टोद्दार ११ विर होकालते ता धार १२ निरंतर साधाते अनु समयक्ष १३ एके समयेंसा--नासंष्पा लेगार १४ अमालार १५९१५ धारक ला ए पधारे करीनंतर सिकहिये हितापनी नोप्रथम कारक हे ऊपर क्षेत्रादिक १५ द्वारता राणी कब तेप्रथमजार कथकाटा- स्त्री--- हर इवाका ३ लोकैसा ते बेसमुद्रादिक सघनै शेष वि दि हो दिनमै जयते ऊंचो त्रि बोले १--न-ते 35 दिशीनीचा नवनादिकमाहिल नै पिल लिह -२- वापी बेसमुडादिकसली दिशिन तार्थ करतो १ कालार २ कालते उत्सर्पिला नै उतरेत्री जैगारे तेनाजैचो देव खामीत्री जागा राना त्रिवरस नासा ढाप्रामास । बाक् तलावामा नै चो धोरै मोह विलजाय मजे माविण मोह जायते जीजा मारै विमुक्त जायते त्री जैमारेक क्या उस लाने विषई मोक्ष प्राय दिवैप्रागल होसी अमोदा वा जैारै यासीचोमा रैजा हितार्थ करन 5--- अन् केव जीजऊवैणि तीथकरनऊवै भोत थात्रि बोलो कुमाहितो १५ नरैनै इतिक्षेत्र पाच मैत्रि जन्ममोक्षवैते किम जे इमते श्रीकृषन तारला तिवारै श्रीमहावीर स्वामी मोक्ष गया ते जेतार्थ कर जेल जन्मविलवै बाजा के बला र त्रीजै ४ चोथेचा ने पांच न देव स्वामी ने बारे ते वीस तार्थ कराने वारे पाचमै आपसे अवसर्पिलाकाल ने विवे केवली भासीनो जन्म उपमकाले बाजैा जन्म वीजैत्रा राना 9 वरस पांच मास दिन त्रिजयैथ के जन्म होसी मोहपिल ० त्री जैच्या रैजा मी तेवीस तीर्थकरांनो जन्मविलमोदाविल बीजैमारे जाई चोथे आरे एक्चरमती शंकरसी एतावतातीर्थकुरान जन्म सदाई बीजे चोथे प्रारैजन्म पिणकनै मोक्ष पिल जाय तिकाला रंमत २ दिवैगतिरत्र जेमनुष्पत्तेग तिपणा थी सी अन्य गत माहिती फैन था दिल कहां किलन आदि वो सीधै ते क है । 29
SR No.650009
Book TitleNandi Sutra
Original Sutra AuthorDevvachak
AuthorHansraj
PublisherNagor
Publication Year1931
Total Pages130
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_nandisutra
File Size68 MB
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