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बीजार्बनाबारा १२
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तीसा ) ३० तिरमा मनवचुलि ३०) तीसा |३०|तेरते | १३ च दशमे । १४)90बी मो। २५ चतारी | ४) बा आड चोथाबना चैवनिश्वेचूनि आमच्यादिनाथ शेष १०८ नाचूनि सेते तिने कला सेन्ते कि किम् बीनानकम कान फताध्ययनसरू तेजाजी ५वनी करलो अनुयोगते दो कालध्वमन ध्यन १०६ जा मन है ( पनथी हिक्वाथोदकः थाभेदपूर्व नाच्न आइलागोस साल जूलियान गए। सेकित कला ते मूल थमानुयोगते गठिकानुयोगेर थमानुयोगनगर क जमवैतिम तीर्थकरनामनना सेन्तेएका यहि हेते हे गोत्म मूलप्रथमानुयोग ने कब किया श्री विपुल विबर: र मूल 192मायाण जंगे। शंसे किती मूल पर माफ गोनू देवकर
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लोक नैविषः
मूलयति तीर्थकर देवतेगितः लेपटमा लगे। रिता भगवता ॥ चनादेव लोग मानव जमला लिय/अभि रा-राजानीव धीन श्रीलक्ष्मीते जिमनोगवैशिन काटिका नीपाल बीजेश्वपातितार्थ करते व विधासंघ अमरदेवतात थान तेनोक्तविसिसिष्पना नरते मनुष्य तथा विद्युत तथा तपनाने दतेोक्तादिक के बनूनानोपजा सेया राय नरसिपवजावत वायगो केवल नाप्पा तितलिय सिय) चतरनरय ॥ तितिर्यवनीतथा तिलग विकारेनैक जात लावतेो अनुयोग तिहाररिवादनाचा विष नारकानी हग-ए तेजायनो मध्येव-जन्ममरणकरानेनिक नर एव० इमएमा ईआदि सामान्य कारक मारता कला एनसारमा हिफिर बनवान विनोगतनाजी गोयवो कानुनकारक मेते एकिानुयोगनी वरुणा मामा
तिरियनश्यामगमण विविध परियह पुगे) एवं माईया । उगदियान आघ विद्यति ॥ सितम हिच्या यापु