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________________ व्यतियः सः१८ सुमन तिमत्त्रोन ज्ञातिमदमानच रूप मन लानमदवानून लानमत्त ततमत्ता अ-तमदन शर्मा नमदाविवयेन धर्मावरते करे |१| नजाइमत्तेनयरुत्व भित्ते निलाल मित्तेन सुणभत्ते मया सह विविद्ययंत धम्मशाल य. सः निनदेति कथयति शुरु धर्मपरंग सामुनिसधर्म स्वयं वित्तचापर में निपरे पिनक्रम्य चरिज्म कसील लिंगआर दिवेष्टितं वर्जयनिनायिका राजेशभावश्यंभाणी धमनिटावई पनि रकथा कि सीललिंग नयादि स्पन्दजालादिका २० तं चारुरूपं श्रचिश्रविश्रसाचि ले प क परावृत्तिः सात्यभिमन्त्रयहितमोक्षसाध दाऊदपज |२| तदिदं वासअस सासये शयावर निघदिया। बिदिन जाई मरण माये ने ज्ञानानो स्वितात्मा जति मरणस्य संबंध विचार को मंत्रोपेन २ मा स्पास्यदिनामयमानोऽयमं इति शनिधायनं धमाका हमे मिलते यास: नाव सिरकू शमेग इत्तिम्ब मि। 21 मेति स्कूय समता ॥ इह खलु सोयवाएं उप नसामा उत्तान परीषदाऽनिषण अरतिमापन्न चित्रेामयममात्यमरणं तर निला विभाविताश्चैवनिश्वक्ष्यामांचा पो भंडारक थे। संजामाइरदेशमा विन्न चित्तेां । नहा पियेहा णि गोदाय यांचा हरयर ग कानूतानि तानि स्वानामिव मामा निश्रष्टादशमं नियामस्ताना मिसम्यक संशतिले खानि चलो बनीयाने या दन] इति मात्रे क | कसपोण्डागांसूयाइं। इमाहारसचा गाई। समंसेपडिले दिवासथेति । संजदा। देनोइसमाप माकाले5 अजीबी 5 बेनजी वितं शीघुमुखाः श्रन्यायेन दी | कामगा घानिया का सूप स्पातिऊला मनुष्याभाया बऊला उपजीवी । डलह७७ साइरिया गिदीयां। कामसो गाएजो साइबलामस्सामेश्
SR No.650008
Book TitleDasvaikalika Sutra
Original Sutra AuthorSwayambhava
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1622
Total Pages74
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_dashvaikalik
File Size36 MB
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