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________________ श्रष्टष्टोवोलकाला अनोशन्निश्वरले वारेन कितविज्ञान प्राकं सिल्वा मिश्रादिकं श्वनी नाकमयिकीत मोदिक अच्या कानू अ लाने विद्दासनबाद 22 कनवरे नमदि नसंगीत रत लालेन निःसे। २२ नयनोयए) भिगो धरेच्चयेपिमे अफा सुत्रमनुंजिका । कीयसदेसि श्रादडे ॥ पत्र संनिधनकर्या भावज्ञादिमंयत: सुभाजी बीबर गृहस्व नासक्तं निहिरु कृषिजीवाण मे भवेत् २॥ रुरु २२ मंनिचनकविका अणुप्रायेपिसंजय सहाजीवी से बम हविजजगानिश्एि128 लूहवि क्रिर्वचादिग्रामंनटाः सुरत्या येन नाकारेण येशु को सावन याते नूनम मिनसा सिनेमा २५ कर्ब वीणा दिसपुर प्रेम श्री सुमं । श्रपि सुदारसिया।। चासरतंनगन्धिना सुद्धा जिण सासणे २५ कन्नमुखेहिसहे। द्वितियनकर्यादिपर्व (दाक निष्कर्क से कठिनेस्कयेन मी अधिसा २६ बुध पिपासां सिन्या मानो त हियमेनालिनाइसया दारुकं कसेफा से कार्य दिया सारा खुद पिवा संऽसिद्योसीनदे मोहिनीयोद नमो जयंत्राप्रादित्रमित्त श्रधोश्रदानमना यतः देदेऊरवंगलाफ नंप्रतिव्यंत्य प्रस्तांनादित्ये रस्ता जघनाचे गते आरामको ये दिया ससन दियं दिदेऽस्वैभदा फलं । श्रवेग मिश्रा उरुयायलगा सर्वमनसापि प्रार्षय रवि साधुः अतितनः अनाविशय किनि लावील सर्व कामत्या सनमतियो का बदेनू जावे श्राहारभईये सोमलसाविन पचपातिते श्रववले । अप्पासीमियासाए। दविचार हरे दो प्रायेनतेन संतुष्ट स्तोकमला दातारन सिदेनूनीलये २२९ नवासो अन्य परसवे आमनेन मधुकर्षय करता ज्यान प्राद्येनमदेन कुयोजनात ट्रान घोघं नघुन खिसएमवाय परतावा श्रवान सुखबसे सुलाने नमाजघातवा
SR No.650008
Book TitleDasvaikalika Sutra
Original Sutra AuthorSwayambhava
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1622
Total Pages74
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_dashvaikalik
File Size36 MB
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