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________________ बच्चा सरधने मिसाधुः अंकासन नागवगव धर्मेतिवा.... बिदा सामान्य ज्ञानिनपंडितावा जो गायासेव संजयारमुताभित्र कमेण जहा नागो । मे मंग डिवाईन । १५ एकरतिसबुद्धा पंडिया निय नादिदोषाचा वचपावर निवांतेसोगे सो से खोतमोरमनेभिः इति ऋची मि॥ सामान्य बनाम 2 अतुलकारमा रुः॥ मैयमे रीमा विषयहं तिलागेर नहासपुर सुनिविमि१६॥ सामन्त्रषशयां। संजाम सहि ને मुचित माना परियहे पवित्र मुक्तानां प्रायमेघजी वरतां काननेषसानां एतानाची एग्रियोज्ञेयं नियंधानो मदिचिंता किं देशिकविर की महिला) या विमुकायनाइांनी सिमिअम पत्र भियं घाणमादसि । २७/नाह मिश्कीय की निमंत्रापि नित्यमि पर मारती राशि के मितालीनेतादि १८ संनिधि शतादि मात्रै गृहस्वा गडं नीयामंअतिदडा पिय) राय नुन मिलाएय । म लियवीय या संनिही गिदमि अनं १४० राजविंग शु कि कमिलनी घोषा गम ईनं १२ प्रथमं मानवाताप कपराठा की त्सो दि मियादिरुप ग्रष्टापदंयूतं ल लदिना१४ सर्व मि दोह 200 मत्यवति श्रपि देवानादिकारणविना निय राय पिंड किम सिंबाददंत पयोद पाट। सं३ पदे ते दिलीयणा या १२ अहव स्वर - अनुयादिविधिप्रतीकारं पादयो समारं प्रगट कर ज्योति त्यो चाहो २२२० सिध्यानरपिड नाविनाकाराय नगर पहिला पासमारेते चाजा इराण) २० सिड्रायर पिंडच पर्यके वषत्रियोजनं 24 निमिज्यातियो नामिलानयः २ गृरुतस्यावयावति गृहस् प्रति जाव श्राजीवच्या नाना संपादिने 'तिकनानिमित्या आदीपलियंकप गिदंतर निसजा | मारवहणालिय|२| गिलोचेयाघडियं । जाय्याजी कालिरह श्रनादि २
SR No.650008
Book TitleDasvaikalika Sutra
Original Sutra AuthorSwayambhava
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1622
Total Pages74
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_dashvaikalik
File Size36 MB
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