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________________ JA षडगते षडग की स्पों सेंस ना सोगनीज बई कालो ब सी गोली बाई लसीनां फुजनी प्रसा सरिषो नेकप्रकार एड्वा जेरोम ते लिकी उप पंचवरल चैतसहीत एक मोटो पंचवलेहिं लोमेदिंउचचे ईएम देनी लुप्पल गवल गुलिया षडग करपा बासरीषी जेह हावेंले जिहां पोषसाला जिहां काम देवसमणोपासक ) ] तिर्दा नी धारा इस्पो षडग ईन यसिक सुमपगा संमिं खुरधारं गदाय | जेणेव पो सदसाला | डे व कामदेवे | समरणो वासए ने || श्रावनई]] ॥ कषाय सहीत || || कामदेव समणोपासक प्रत्तई || एमबोल्यो || हे कामदेव वन वागळे तिश्ता | मुरते कामदेवंसमणो वासयं । एवंवयासी । ईनोको ॥ श्रावक || अण बांबाना वां बलदार एनादिता मरणनावां | लजाई करी रहित ॥ धर्माना कांभी कल कर |मदेवा| समणो वासया चप्पचियपश्चियाऽरंतपंत जावपरिवजिया धम्मका ॥ पुन्पना कांमी ॥ श्रगना कांमी || मोक्षनाकांमी ॥ धनावांबणार ] || धनावलल | | मया | पुल कामया |सग्र का मया। मोरक को मया धम्म के रिकया| धम्मपिवासि
SR No.650006
Book TitleUpasakadasanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorSomji Rishi
PublisherSurat
Publication Year1783
Total Pages202
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_upasakdasha
File Size29 MB
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