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________________ गोसाला नोधर्ममत | अर्धपपरमार्ध तेषुसार सेषमा कला सर्वे मच्या जीवी कहना गोसा जो कहानईविष‍ तब नई 小 पवंच्या जीवीय समवणं/च याजीवियसमण्यं परम से सेाधित्ति पोतानच्या मासावतोध को वि }} ते | सदाल | पुत्रनई ] चरबई गोसालाना श्रावकन। | एक हिरण प्या नावे मालाविहरति तत्र सद्दालपुत्रस्म व्याजी विजवासग स्म। एक्कादि नीको डिभूमि न विषडाट (बई | | एक दिशानी को डीनो व्यापार बरं | | एकदिनी को डीनो ॥ ॥ रल कोडी निहालपत्ता ३ | एक्वाहिम को डीव हिप उत्तान पक्का हिरण कोडी घर वापरो धानको एकवये दस सहश्र गाईएक वर्ग गोकल | | तेहनत्र्यग्रिमितासनामार्या दिकब पविचरता गेवपट्सगो साहस्रिणंव | नायमित्रानामंसारि महालघु तर उध ऊंती | | तेढ्नई || सद्दालपुत्रनई | | गोसा जाना | श्रावकनई || पोलासपुर | | नगर|| यादो तमसद्दाल पुत्त्रस्मा आजी विउ वासय स्म | पोलासपुर नगर
SR No.650006
Book TitleUpasakadasanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorSomji Rishi
PublisherSurat
Publication Year1783
Total Pages202
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_upasakdasha
File Size29 MB
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