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लघुशिष्यते कपरिगुरुशिष्यदिनी मोदते अंतसमेंस एक्ला पुरेको शिव नादरो मुकऊ परे मोह है। इंदेवता थाइ सिकने गावीक हिजो ते मर देवता श्रयो पिए यादी नकद्यौ तिवारे ज्यादाचार्य विंतवे वेलावनता किया कलाप की जो देवगतियांग्या तातो करत पिलदेवगत्तिन थी एंग्मा एदवी उत्तरामयन संकाऊपनी छनें देवता या तेती सुपली गा देवीने जोग राताथका मावैतेनजांएंगे। दिवे चिंतयो जो परलो कनथी तो इलोकनासुषथी क्यो की इमदा | स्त्रियीवृष्टश्नीकृल्पा । तेवेलघुशिष्य देतानासन कंप्पो अवभेदेषैतो चाख थप तीन इमचिंतनी देवताश्वारे बताजोली | माटिकनी स्वनाक्री | गुरू दिया जो जागा | तिहांउमा सजगे जो ईक्ली चाल्पा वली देवता इसे जमनी १ रिक्षानी | वाटे बालिकास हितमिति पुरू विमास्पो जेटदस्यधर्म-यादर संतोश्न जो इनसी अनेकन नपादिदानो न पाय छावै नदी | तो एवेमां बाल कैसे दासीनें)। इमचिंदी बालकनामश्थ्वी काईयो बी ने दिया सीा हरणाने ईकोली मांधाच्या छागे जातां अपकाईयोतेन काईयो वाचकाईयो | वनस्पतीकाई | योपतसकाईयो६ | एट्वेनामेतेाजक ६ः | ते मारी ग्रहणाले ईकोनी मांघाली रुचामा वली देवता ईसार्थवाद नोरूपक आचार्य ने कंदीय हारनो छायद की। गुरू संकित का कहे जय म्हारे हारनी १ पनथी । इमतेले सार्थक दो ही देतो बालकना तिरूनेक है। भगवन् शहाबनाएग दिए। यहां 93 किदां इमक होथ के गुरु जयचं तिथई जवा जागा गुरुनाम हो एकामकरो बी जाने मे उपदेश द्यो| अमेजोउदेएको |मक रिस्पोनो कुरा स्पै । इमक दिनांक मे या दियावी देवमाया तत्काल दिया सहित देवी ने पराभव करवा लागो तिहारे माररसया की धा तिहारेदे वता चिंतयो| पुरे सर्वनीगम्पो विरोधबीज सम्पनथी नीगम्पोतो कोइन थी दो तत्काल आपण ११गट करी तपैौ। भगवन्मे गलथी दिनीक लाऊंना वाटेच तांकां इदी गेतिबारे गुरु क दैक्षिणएक नाटिक जो भगवनूसवेतनथ ज्ञानदृष्टिजो दो । ते दिनाने आजनादिननी निरखजो होते हवे गुरे मंमलदक्षिथी उत्तरायन दी वो | उमासनो तर जाएंगे। तिहारेदेवताक है। गहने नाटिक जोतमा सक्षिपायथ यातो आदेदेवतादे लोकमादिना टिकारनेते नाटक बेस दखवतो भोगना क्या किमनाइ किमया इमापदि दानो स्वरूपजणांची धर्मस्थिर करीदेखादेवलोके गयो | छापादाचार्यचा रिफले टाचार्यनी परेश करखौ पकी योतिम करने। एदर्शनपरसदक परिश्रमी कध्यपादभ्वार्बनी कहीः।
ए०पूर्वेकद्याते / का०कास्पय पपरीसदास गोवीथीम |सगजाइ बाघी वीरदेवे
जे धीर्यवत मिन्सान संज
धोकेबादीस |तिश्रीधर्मस्वामी स्वमीश्तेश्मयोनिममे श्रीमदादीरॅकने सांतव्यो देव मांदिलेएककोएककु तोतिम ४६ तिपरी सदमेन नार्थसमा २ वि०२२ ऐकेपरी सक• कोर का अनुबंदीनेश्वरीसदांने मशिपेश्वथ के दिनेरुक देवेारग एक स्थान कनें दिये मतांर्तनले इमजोली सम्प्रकारे २२१ रीसह अदीया सेतेाणी] वृचरंगी नामा
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| एएपरी सदास ने कासवे पदेइया | जेभिरहन दिहलेला ठोकेइक ए३ ] तिवेति ४६|| परी सयसम्म
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