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________________ उतराध्ययन20 (२०३ अ०११ ३० तिबद १२१ वो पण विष्वग र हिस्सार ३१ वि०निरोदेवि / संप खाण्यासल सिम्पासंथारा पयथकीनि आदारतेय दिकनो से सेबनो कर बीजे जती याद | २५ संजमे २६तवे | २१ | वोदाले २८ सुहसाएर पनि ३० विक्तिसयासत सेवा ३१ विलियरया २२ संभोग रोल्पोते एक ठोकरीने विवी ३२७०२१६३पगरी सदोषाहारजेवा कुकषायनोपजोमन वन कायाना जोगव्यापारते सवारीनीपा | जिश्तेसंभोगकही इंतेसंभोगनोच पालकरेश्य नोवलकरैप बॉल करै २६ | नेवारु १०००च्यांगकरै३9 बांमवारुकारी रनो |परका २३ खोकरे नवदिपञ्चकारणे २४ आहारपत्रका ३५ कसायरका | ३६ | जोगपचकाले २७ | सरीरपञ्चर |रका सा०कार्यकामनोरदार शिष्यते मन्भात पोलीनो ४०० अनादिकाजनीहिंसादिकरवानी १०मायारजितीनोस वेण्डल तसा नोवेया | करै२० शिष्पनेंषनोपचरवा एक रे पवबालकरे स्नाव बैलेंस्वनावनोपन करे घर जतीने वारेश्वर्ते४२ काकरे ४३ |रकाले ३८|सादादरञ्च कात्रपचकाणे ||४|| सझारका ४१ रुवाय ४२ वे याचे ॥ ४३ ॥ सवज्ञानादिसर्व] | ४४ बी० रागदेषरहि संपक्षमासदित १० लोन रहि / सरलवणे 0 हंकाररहितकरणने क० मिि संसहित तपश्वत्तेस 9०६ त]89 ४८ तपले कर्ते ४९५ भावसत्य५० याजेली विधेक रवी की है। | सगुणसंपन्न | ४४||दीय राग ४५ खेती ४६ ४७ ॥ अन्तवे |४८ मध्ये | ४ || भावसचे ५० करणसच्चे ५१|| | तिमकरे / जो मन क्वन कायानाजोग मनपथकी निकरागु०० एपकी निदारीने का०काय शुतेक पप ममनस०] [सावेनावस्था व० चचनस०साचे तेकरण माएर सन् सत्सवले मननुपिलेश्ववेिपर ०क्वनशिपलेने १४ रीसहित पापधर्ता] १६ मनस्वाथ व्यादि कायतया ५५ मलसमाहारण या ५६ वयसमा दारवेकरी | ६१ सोप्रोतिंदिय सं०सहित नो नि०नियदकरे सोइंदिया नि | सत्पर जोगसचे | ५२|१२|श कनेविषस्थापदेव काका याने साचे नावे संजमनेवि लिकरी कविप स्थापदाशोध प मतमा ५४ ना० श्रुतज्ञानादिक ज्ञानेकरीसहित परण ०सम्पलसं०] ६० सहित व्हा राया ॥ ५१|| || काय समादारणमा || ५८॥ नाप से पन्नया था। दंस एणसंपन्नया ६० चरितसंपन्नया ६१ ६२ चको ६२ |ण्नासिकानीइंद्रिय ६४ जिब्जीमनीइंडिय ६५ फाकरीयन दर्द को को | नियट्करै ६१ मा०मा मने नो निपटकरै निजीव निनिकरै नोति यदकरे | गहे ६श्वरि दिय निग्गहे। ६३ । छलिदिय निगाहे । ६४ जिनिंदिय नि ग्गहे प फा सिंदिय निगाहे | ६६ को दविजरा ६१ माल | २१ संसत २६ तारे लेदे ਜੇ संजम वो कर्म नोराज सु०विषय सुपनोटा जनोशल ॥१०३॥
SR No.650005
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorGirdharlal
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1885
Total Pages286
LanguagePrakrit, Marugurjar
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size44 MB
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