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५ मामुपम गप्प || मटारके ए विद्वान् । वेगेयपदावबिन्ला निंदर सिद्धि | तेज सेन्तेपिलागलीयोबलद उतना मांदियीन खण्डनीयाखनदजा०जेद ऊशिष्यविलनिये जो० जीता ६०धर्मरू भ० साचेमनेश्व |सामा फामा करीने (कस्मीने पवनासीजाई 9 जोजोतपाका तातेवाइ पायजामामाने विषेशविनदीधि० गं सेवियस समयाला उदिता१जाय ७ | रक्काजारिसा जो ज्ना | इस्सी साविता रिसा जोइया धम्मजाणंमि | नज्जति दिर्वीलुका ए०एक को एक ऊ शिष्पहार०मी सा० साता नागाण्डा हे ए०एकको एकऊशिष्म |दनामूली अधी रेकरीसहित मधुरादिकस्वादनोपको कारसहित ए० ०छला का जल गे विनयका ककोएकऊशिष्य सनास्वादना गाकारसहित कको एक अवनीत को० को पर्वत बिलाइटीगार दिए | एगो खरसगारवे साया गारविएंगे एगेस चिरको दो (एए) भिरकाल सिएएंगे एगेनमा लमि तो एव एक कोए कक दे-देने का का सोबते कशिष्य० | दोताोल्पा वार्या १० विपरीत करेण्वा शिष्य तें रोकरी सोहमद गुरु जातिका मंदिपोरकादो तेववचनसीया रंवारतेक शिष्यपुरुता | कारवंत देवको रेविना बो बजय कदे मरूप वनजिम विपरीत करे रुथरे एगंचा सासंमि देवहिंकारणेदिय २० सो विद्यां तर मा सिद्धी। दो समेव पच् या यरियातं वय | पमि लेड्छनि
नियनिज्ञानविवे प्रायजसवंत ए०एकऊविष्ण
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