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________________ बाधी बालो धननें कमें दावानलमा एनामांप्रती एदने पवराव पढ़ने जातपातकं एदनें जावजीव वधबंध करने एहनई गवस दुनियदवग्रिदह का गिरिणम सरका वियमं नत्रपाणिरुनम साथ जीनं वहकारम अनेरई नई ऊमर मारउंह वजे जेतेहुनी मिंतर परिषदाई कति तद्य माना पिता साई दंग करई अन्नमार ने कमर मारिदजावियास मितरियापरिसानवतितमालातिवापि ज्ञानदानायानिया बिदिन कार्या पुत्र छत्री वक वेदनें पिल मनेरई किाही लक अपराध अपनें नई नमिशीनिंदा नद्यातिवाद्युन्नानिधूता तिवा सुपूतिवान्तसिंपिान्नयसि महाससिंगवरादेसिंसय मे पोताईमोर दंमकरई मीनल पीली माहिं तेनुंवारी बोलावे जिम्मवदोषप्रय कियाथानक हवा देनो करार पुरुषले कली निमज पदो के नया पर लो के मन का र गरुडे डॉग बात्र तिसीनदगवियडे सिंनबोलिज्ञानवति जामिनदोस वत्तिएनाव दिएपार मिलोगेसिति उसने कजीव शोकअप जरई तिप्पवई पीएई परिताश्नादी नेती व शोक करी करलाई विमा पनि परिवापनाई वध बंधन कले किरा करो इरके तिसोमं तिजूरतितिष्मेतिषिइतिपरितपरिक एसोसपिरितप्पण नह शेकरी एक वा कर्म की पिच्यविरत पक्तिस्वा रुष निर्दय बादाम आपकवा जाब वरस यार पत्र पक्षों पर पीका कारक एकता काम जोगनें 25 रिकि लेसा उअप डिविरमा नवंत्रि एवामिवतिशत कामहिमुनिया गिद्यागदितानोव सांजाववासाई वन चोको काल अथवा धोका ल जोगवीनें लोगनई घणाजी व वैर उपनावे घरापाप कर्म र रुप करी 10 उदय काल सूखी ब] क्रूरकर्म्म करी घर अंजार कमाई करी बकशि कराणिक मानसन्नाईस नार करे वाईबद्द सप्मा शिवा अम्पतरोंवा नुद्यतारा वा कानुनि नोजोगाई परमुइसावरायल रेल संचित्रि जिम कोइएक गोलोलोनो अथवा पापानी पालीमा गोलड है मुण सिंहानामप्रय गोले तिवामलगोले तिचा नां ३ बता 482 36
SR No.650004
Book TitleSuyagadanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1877
Total Pages154
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size69 MB
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