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________________ कमा | विष व्यापी रयाजले आप श्रमता निग्रंथ या साबित तेदने अर्थई कहि बादशांगगणिपिटक तेक माचार पद गा वनसियवितिबिमासमाधियंजिये युवालगणिजियेकदा प्रामा सुगमांग वांग समवायांग नगवनीमवर ज्ञाताव उपासक ५ अंतगार अनुरोववाई प्रलयाकरण १० शिश्मूयारहाणेसमबारlaविदारयामनीयतारामुपाशिकाकडेमणुतरवाइशस्तवागण विपाक जावव दृष्टिवाद सर्वाभिमानिकार नादि नघाएया व अबनाने ईश्वरें कार्य इश्वरेंकने श्वरकडंने यथातथ्य ले ३श्वरोकनया का लोकतान्यवनोकस सहितकारी विमाकाशकावविश्वातोसमय मिलाकरसंसदिलायमाहासदियश्मसमवदितमंअहातहिमा एमब्यापानिने एमनेशागलिएरुवा एमअनेकयुक्किदेवदृष्टीने करा निलिकारतकानायकनका नेरवत्रीको जिमशक्कनीषीउपांक तयुक्तियुबा सरावही मंजाकर बंशा थापईनथायद्यपिवार नथाप यावेंकराजेऽषमपनशक रोबोकीनाकैमार वलीले निभा ररु वसन्कतिanaसन्नंसंaalaaएवंसमसोनवतितमेवैतद्याध्यवरातिaalaसणीयनरंडदातेले निमने अपदर्शनाचारमा क्रिया अक्रियाएके जाव नारकी अनारकी एतावना आपणोधर्मकरुळकरीपटूपती एव विरूपरूपकाम नजा नजारासमारकरी aविष्यदिवेक्षतिजदा किरिया निवासावरितिवाण्यात विरुवस्वेदिकम्नसमारंक्षिविरूवरवा जोगविष मार्ग में करीने आदरै जोजनमा ला१३, नमनायनोधर्म परिवने 9 मतेथम्मनामदारा जादन तेजाव अचानला बोथीत एबी तो पुरु१६श्व रकार विककलो कामसोऽसमारंनेविसोयाएवामेवतेप्रणारियविडिवw naसमाजाविसावरेdोनापली प लियूतिवादीको कार्यमिहिनवितेनियनवा काय प्रवदिक निमन जावा शनापति शेनापतिना पुरुषमाहिएका पारात अनसका चितमताकालाबाजोक राग कोरनमाने जगमा निश्चम मनोगेमुविमन्न पुरिसमा नियतिवाशक्षिप्राविधानिदखलपाणवायदिशतदेवजावसेरणावितियुनावातमिवणं निपुरम्म कोइक पुस्प बावनथमनोमण यानलहसमावन नियतवार जादव शदे आपाधानाथापना त्रिता परेका नेपरिक यार सररक रमात आहिए ताएमहीनवंतिकामतेसमणालामाक्षणांयसयदारिसुगमए जाARODसयाम्मे सुयरकारामुपमश्नति
SR No.650004
Book TitleSuyagadanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1877
Total Pages154
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size69 MB
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