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________________ लसान लीन ॐ० जेए बेऊमांहि मे० दी तका राजा तेहनि १२ मीकारक रिजे जो० जे कोई' जाएाजा० जावय न जोजी विजेसा दार्धन नाशकायन जाई जीवपुदाधी भुजावतकुल धम्मस्तिका कृण जाल इ एडू २याका स्तिका मु०सोल जा० जागा पापापनी बिजाणी सोफ यतिका ल्याएकी 도 फलपबइ प्रकार म व्यस्क ६ ४देम श्र० नि म६-२४ मस्तिकाय घं देस प्रदेयादिकन सालन न जाए लोनीव साञ्चाजा श्यावगे उत्तये पिजाई सोच्चा जंमेयंत्तं समायारा राजाजा व विनयागोई जात न कम वेतवा जी०जा०ची० अजाण क5 किहांधा मो० ते शुरु जो जे कोई जाए । जी० जीवदानाचा वाराज १२ घी बकायनाने विजाइ धनादिपरिणाविवस्वासमा पेश्शदस १२ चनयाणे जाचा जाच यात्तो कद सोनादा सेजमा २] जाजााच विविया गई गंजा विविविया afasfa तोधको व ना० जाए।इस संयम प्रदेस१३ श्रमाए या २४एचउद एाइते जानीक जावनि दिन्ना सोते ना० मं० संय रुष नश्च जाल मनागुल 511 इ 23 तोशको "दविमंयम धनसाधुन साननु जाए। पक दिन विजाइ जज जी०ज म जावन दो ए हनदू कार निवाई जावा जाव वियागांना सानो हाय संजम | १३॥ जया जावमजावे याचा एएविया पाना पासुन्न तः तिकार गतिनरकादि सन्सर्वजानना । बोवासदंडक स्पंक ही जिजे कना बघणाकारनी। नर ति नाजीवनी । जा० जागति जीवन चागनिन जजि हम बा २४ वारि नि कारना स सर्वनावना जाजाल नमुन्य झारखं नलिदन अमेनाजु २ ४ बिंद्रा 5 शिवप्रभुना रडा पपई तयागईबड, विदं सबजावाजालाई | १४ जया गयंबक विदं सच्चजावाजा तयापुन्नेच या ज क पवित्रकशित न्या बीरगोत्र लीपापा वली बनाला मो ताकरवी नालेदन मोहनानेन। जान जाए जानिये ई० मुल लोग जेजे दिन दि घकी देवताश्वाइलिन au धियनमादिप 5 शरीरात पावेव बंध मारकंच जाएगई। २॥ जया पुन्नेचपावेच बंधामारकेचजाशाई तथानिनिंदा लोए जेदिछे दिन समचरमस जनता जमनुष्य जनजे निनिवर्त्तनो देवतासंबंधी तथा जे स्वान प्रमुघ संबंधी नित्य २६ नारि बीड नई जमनुष्यना इतालीसालद तति चन्द्रां सं० योग सत्यंतर क्रोधादिवि बारिश 35 परिग्रहनि बाबाहिर नाधना नजे साधुजी दिक विलक विपरीतल जाणी 19 श्रन्यना जा जेटामा पुस २६| ऊया निविद एलोए ऊदान्वाजयमाणुस्मे तयाचयइसोजागे सतिर बाहिरी ११ रुपने जीव पाप पा5 अस्थावेदना मिध्याच कषाय जसकर्म एकैडा जातिमुष ८२ रुपयापन जाएाई सामान जिवार 59न्पायनउरुडउवाले कहिल ज्ञानद१४५म पदावर तिवारि न नमक एबिन्द इजालाइ । वे मुक हाय । जान कर्म से जोगरूप सिह जीवति हो कर्म एबं च कारिका इकरा कमनवेदन निकाय गोत्री कायानयोग करी। पांचवीस किरीया कशा जाप कर्म बोध मालामने इसे बंधक हो जइ । जे जीवना कर्मनिविजोग रूप नमो नलेद सत्यरूप ।। ६२२ श्रम धर्मास्विकाय करना काला नाकरी की दस्तार20 नदन्यजीवना जागरनयाधु जति पु० पा०यायन बबंध मुमो ज०जाए तति निःनिव २५ वारिं न्नई इ नई रुनई बारि राजीव धव जीवनाद१४ कमाए कैंडी नाद सुकार अनि बदिर २
SR No.650002
Book TitleShadjivanikay Sutra
Original Sutra AuthorSwayambhava
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages28
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size4 MB
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