________________ AR जयन्ती प्रकरणपृतिः / जयन्त्या आत्मभावनास्वरूपम् / // 34 // SAHAR भवसायरं / सिजायरो अओ वुत्तो सिद्धो सब सासणे // 473 / / सिजाट्ठियाण सुट्ठियगुणाणं साहूण साहूणीणं च / जे होइ समाहाणं झाणं नाणं सुगुणठाणं // 474 // नंदणमिव सुकयदलं सुजसप्पसवं च सिवफलं तम्हा / सिञ्जादाणं दिती जयइ जयं तेण जयंती // 475 // उवसमसुहामहोयहिसाहुसमीवम्मि संडिया एसा। संवेगैरसालिद्धा उक्कलियाहिं अपुट्ठावि // 476 // परियचिोंइ निचं सुतेयवंतेण जोइचक्केणं / मुणिसंनिहिषुवट्ठाणं सिद्धिं कुणमाणाण मासाणं // 477 // जियकोहमाणलोहा जियमाया बंभचारिणो मुणिणो / गुरुरयणदाणदच्छं ससंनिहिं दिति धन्नाणं // 478 // पगईए विरुद्धाण गइंदसिंहाइयाण जीवाण / उवसमइ कोवजलणो जिणवरमुणिसंनिहाणमि // 479 // मुणिवयणाओ जीवो अहियं माणं चएइ विज्झो छ / सुसइ य लोहो सबो मुणिमाहप्पेण जलहि // 480 // रिसिसंगमसंपावियपरमत्थेणेव परसुरामेण / मायावि दुबसीला निहणिजइ गुरुपयत्तेण / / 481 // इय साहुमावणाए सुहाइसिचंतसहगत्ताए / अजरामरत्तसिद्धि कमेण होही जयंतीए // 482 // अह चिंतेइ जयन्ती कया अहं सबसंगविरईए / नंदणवणराईए विहरिस्सं सुमणसानंदा // 483 // सिवनयरवत्तणीए पवतिणीए विइनसिक्खाए / दक्खाए उवसमिस्सइ कसायपित्तजरो कइया? // 484 // रमणीयगिरिवरेण कलिमलसंतावहरणदच्छेण / सज्झायनिजरेणं कया अहं निवुया होहं // 485 / / परमहिमेणं तवसा जोइसमल्लासहेउणा अहियं / डज्झिस्संति कया मह, सयलाई कम्मकमलाई / / 486 // मुत्तिपओगेवि दिदं सत्थपउत्तंमि समिइ. करणंमि / कइया दयारहस्सं पाविस्सं? एकचित्ताऽहं // 487 // चवलाण इंदियाणं हयाण दुइंतयाण दमणमि / उज्जयमई 15 संवेगरसाश्लिष्टा / 16 परावर्त्यते / 1 उत्कृष्टमहिम्ना / // 34 //