________________ जयन्ती प्रकरणवृतिः / // 306 // कुणइ धणसिट्टी // 93 // अह सिट्ठी ससरक्खे गहिऊण धणुद्धरे य तह कन्नं / चट्टेण समं गच्छइ बलिपुप्फसुगन्धगन्धकरो कपटो. // 94 // जिणदत्तेणवि भणिया चउरोवि य सद्दवेहिणो लहुयं / सिवसद्दे विन्धेजह तं सदं कारया जडिणो // 95 // काऊण पायेन बलिविहाणं मन्तं जा जबइ कित्तिमं चट्टो / स्वाहा अक्खरसवणे जडीहिं विहिओ सिवासदो // 96 // विद्धा जडिणो चउरो चट्टेण पलवइ कन्नावि अइबहुं ताहे / चट्टेणुत्तो सिट्ठी न इमे बंभवए सुद्धा // 97 / / तो उवसम्गो एसो जाओ कन्नावि पीडिया बहुं / स्वस्थी सिट्ठी तओ विसनो ससरक्खेहिं अहं मुट्ठो // 98 // गिहमागओ य पुच्छइ कह लब्मा ? भयारिणो सुद्धा / चट्टो जम्पइ कृता गाहं एयं जाणतया सुद्धा // 99 / / तद्यथा-वसहिकहनिमिजइंदियकुडितरपुवकीलियपणीए / अइमाहारविभूसणाइ नवबंभ. श्रेष्ठिना चेरगुत्तीओ // 1.1 // गाहमिमं गहिऊणं सिट्ठी तो धम्मचारिणो सवे / पुच्छइ न मुणइ कोवि हु तीए गाहाए परमत्थं पाच तेन | // 102 / / तो चट्टेणं नीओ साहूण विसुद्धबंभचारीणं / पासंमि तओ गाहा सम्मं वक्खाणिया तेहिं // 103 // तो काउं सह परिपणिवायं सिट्ठी विनवइ अम्ह धूयाए / फिट्ट गहो महायस! जइ पेसह मुणिवरे चउरो // 104 // सूरीहिं तओ भणड णायिता। गिहत्थचिन्ता न कप्पए अम्ह / तो चट्टोवि पइम्पइ सीलड्ढा एरिसा हुन्ति // 105 // चट्टेणुत्तो सिट्ठी इमाण नामेहिं होइ सिद्धित्ति / नामाणि तओ लिहिउं धणो गओ निययगेहमि // 106 // अह अन्न किन्हचउद्दसी इसाणमसाणमंडलविहाणे / मुणिचंभयारनामन्नासे मंतमि जवियंमि // 106 / / धूया पउणीहूया जम्पइ हा ताय! कहमिहाणीया? किंवा मंडलमेयं कयं? है। कह ? बलिविहाणंति ? // 107 / / तत्तो धणेण कहियं पुत्ति ! तुमं आसि उग्गग्गहगहिया / एएणं चट्टेणं दिनं तह जीवियं वच्छे ! // 108 // हरिसभरनिम्भरंगो सिट्ठी गेहे सपुचिपरिवारो / पत्तो चट्टेण तओ नीओ मुणिपुंगवसमीवे // 109 // सोउं D3