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________________ श्रीअमम // 284 // जिनचरित्रम् देवकीपरिणयनाय मृत्तिकापुरे गमनम् // 50 // कलिप्रियो व्रण इवास्थिरः पारदवत्सदा / मुनिरप्येष पूजार्थी प्रकृत्या किञ्च कोपनः॥५१॥ अवज्ञातर्यवज्ञायाः फलं सद्योऽपि शक्तिमान् / दर्शयत्येष निःशेषविद्यासिद्धिबलोन्मदः // 52 // अभावे वीरयुद्धस्य सपत्नीकलहस्य च / प्रीयतेऽसौ मिथः स्वीयपाणि| पाणिजताडनैः // 53 / / वसुदेवं बालमित्रं स्नेहात्कंसोऽन्यदा बलात् / श्रीसमुद्रमनुज्ञाप्य निनाय मथुरां पुरीम् // 54 // वार्ताः प्रपञ्च यस्तास्ताः प्रेमामृततरंगिणीः। ऊचे तत्रैकदा दुन्दु कंसो जीवयशोन्वितः॥५५॥ पवित्रामृत्तिकेवाऽस्ति नगरी मृत्तिकावती / राजा|ऽस्यां मत्पितृव्योऽस्ति देवकः प्रियसेवकः // 56 // तस्याऽस्ति देवकी कन्या यद्रूपं प्रेक्ष्य कैनहि / मेने कात्यायनीगौरीलक्ष्मीश्चपलमानुषी // 57 // यन्मुखश्रीहृतश्रीकः सकुटुम्बो नखच्छलात् / याचते यां पदोलनोंऽबराखण्डस्थितिं शशी // 58 // सा लावण्याम्बुत| टिनी त्वं च सौभाग्यसागरः / युवयोस्तद्वयोरस्तु संगमो हृदयंगमः // 59 / / तस्याः सहचरो भावी भवानऽनुचरस्त्वहम् / तदेहि | देवकात्प्रार्थ्य तां त्वया परिणायये // 60 / / ममेयं प्रार्थना व्यर्था न कार्या सुभग! त्वया / इति कंसोदितं दुन्दुर्दाक्षिण्यात्प्रत्यपद्यत // 61 / / अथैतौ चलितौ मार्गे दृष्ट्वा श्रीनारद मुनिम् / पूजयामासतुर्भक्त्या जानन्तौ तस्य चेष्टितम् // 62 / / प्रीतोऽपृच्छदसौ कुत्र हेतुना केन चेलतुः / भवन्तावित्युवाचाऽथ वसुदेवः कृताञ्जलिः॥६३॥ देवकस्योद्वाहयितुं देवक्याऽहं तनुजया / चालितोऽसि वयस्येन कंसेनाभ्यर्थ्य सादरम् // 64 // अवादीनारदः पुंसु रूपेणानुपमो यथा / त्वं शौरे ! देवकसुता तथा स्त्रीष्विति निश्चयः // 65 // द्वयोः सरूपयोोंगे धातुर्वैमुख्यदुर्यशः। अद्य प्रमाष्टुंमारब्धं कंसेनारभ्य साध्वमुम् // 66 // वसुदेव ! भवान् दृष्टा देवक्या रूपसम्पदम् / | तत्पादधलीः प्रागूढाः खेचरीरपि मन्यसे // 67 // मा भृद् विघ्नः कुतोऽप्यस्मिन् सत्कार्योपक्रमेऽद्य भोः / अतो गत्वाशु देवक्यै | कथयिष्यामि ते गुणान् // 68 // उक्त्वेति वेगादुत्पत्य स ययौ देवकीगृहम् / तामाशासिष्ट क्लप्सार्चा वसुदेवोऽस्तु ते वरः॥६९॥ // 284 //
SR No.600399
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1942
Total Pages306
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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