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________________ श्रीअमम जिन // 272 / / चरित्रम् प्रभाते भम्या आगतं स्वप्नम् नाक्षाच्च ताडितात् / द्रडद्रडिति कुर्वन्ति फलानि न्यपतन् भुवि // 31 // यावत्सोऽजीगणत्तावत् तावन्त्येवाऽभवन् पुरः / न हीनं नाधिकं चासीदेकमप्याः सतां कला // 32 // कुब्जाचमत्कृतादऽश्वहृद्विद्या राज्यसत्फलाम् / नृपोऽभ्यर्थ्याददे चित्रफलया साकं विद्यया // 33 // वेगादथो रथो निन्ये कुब्जेन स निशात्यये / श्रीकुण्डिनपुराभ्यणे दधिपणेन पिप्रिये // 34 // तसिन्नेव निशाशेषे भैमी स्वमं व्यलोकयत् / प्रबुद्धा कथयामास हर्षादिति पितुः पुरः // 35 // स्वमेऽधुना मयाऽदर्शि तात ! निवृत्तिदेवता / तयेवानी| तमाकाशे कोशलोद्यानमभुतम् // 36 // आरोहं तद्राि चूतं पत्रपुष्पफलाकुलम् / देव्याऽर्पयच्च मे पाणिपञ पद्मं विकस्वरम् // 37 / / मदारोहात्पुरारूढश्यतात्कोऽप्यपतत्खगः / अभ्राद् भास्वत्मभाक्रान्तादिव पूर्णः क्षपाकरः // 38 // अथ भीमोऽवदत्पुत्रि ! दृष्टः स्वमस्त्वया शुभः / अस्यार्थो निर्वृतिदेवी या ते पुण्योद्गतिर्हि सा // 39 // भावि ते कोशलास्वाम्यं कोशलोद्यानदर्शनात् / सफलाम्राधिरोहाच्च सराज्यपतिसङ्गमः // 40 // तव पद्मार्पणात्पाणौ पाणिस्थाः सकलाः श्रियः / राज्याद् भ्रंशः कूवरस्य चाम्रात्प्राक्पक्षिपाततः | // 41 // संगमस्ते नलेनाद्यावश्यं भर्ना भविष्यति / प्रातः सद्यःफलाः स्वप्ना दृष्टाः स्युमेघगजिंवत् // 42 // तयोर्वातंयतोरेवं तदायातं पुराद् बहिः / दधिपर्ण नृपं तूर्ण पुमानाख्यत मंगलः // 43 // भीमोऽभिगम्य रम्यश्रीस्तं परिष्वज्य मित्रवत् / कृत्वा वासापंणाद्यैश्चातिथ्य तथ्यमथाऽवदत् // 44 // वार्ताभिः कृतमन्याभिः शून्याभिस्तृप्तिशर्मणे / कुब्जाद्रसवतीं सूर्यपाका कारय मन्मुदे | // 45 // उक्तोऽथ दधिपणेन सामय्या भीमदत्तया / सूर्यपाका रसवतीं कुब्जश्चित्रकरी व्यधात् // 46 // सहैव दधिपणेन लोकैश्च बुभुजे | मुदा / श्रीभीमस्तां रसवतीं स्वयं स्वादं परीक्षितुम् // 47 // आनाय्य स्वैनरैरेता रसज्ञा दवदन्त्यपि / आस्वाद्य कुब्जमाच्छन्नमलं | निरचिनोन्नलम् // 48 // सा प्रोचे तात मेऽशंसत् प्राक् सूरिनिवानिति / नोर्कपाका रसवतीं वेत्यन्यो भारते नलात् // 49 / / अयं सर्ग-६ // 27 //
SR No.600399
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1942
Total Pages306
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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