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________________ Davaravasans-sav/sts/sas/topasaraaNMADI | धन्यवाद था सुरदीपिका नामनो ग्रंथ;तथा(बीजो षडव्य नय स्वन्नावादिप्रकरण संग्रह नामनो | ग्रंथ नीकलवानो ) ते बन्ने ग्रंथोमां आश्रय आपनार बिकानेर नीवासी. सुदेवगुरु नक्तिकारक सुद्ध धर्म थाराधक ज्ञानवृद्धिरूप उत्तम कार्यमा आश्रय आपनार श्रीवीरशाशनरागी सुश्रावक. रु. २००) बाबुसाहेब बाहादुरमलजी हजारीमलजी हीरालालजी रामपुरीया ५०) ,, जेवतमलजी रामपुरीया. ५०) , नेरुदानजी राखेचा. २५) ,, उदयचंदजी रामपुरीया. नपरना ग्रहस्थो तरफथी बन्ने प्रस्तकोमां मदद आववाथी तेज साहेबोनो या सन्ना अंतः। करण पुर्वक थानार माने जे. ते दरेक पुस्तकनी कीमत रु. १। हती. तेमांथी रु. ४-० घटामी दरेक कीमत रु. १)राखवामां आवी जे. अने वन्ने पुस्तकनी कीमत रु. २) राखवामां आवी ने माटे जे ग्रहस्थोनी चोपमी प्रथम नराएली ने हवे पनी जरासे तेमने पण रुपीआ बेमां बन्ने पुस्तको नो लान मलसे. ली. श्री जैन हठीसींगसरस्वती सना. दा.मणीलाल वामीलाल. सेकटेरी.] INDVSP/GROUNDATANTRAFTERASRA VAREE
SR No.600329
Book TitleSurdipikadi Prakaran Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurvacharyadi, Mangaldas Lalubhai
PublisherMangaldas Lalubhai
Publication Year1913
Total Pages412
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size29 MB
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