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________________ શ્રી અંતરિક્ષ પાર્શ્વનાથ મહાપૂજનવિધિ / ૧૯ Kamsuram ॐ ह्रीं श्रीसप्रातिहार्यातिशयशालिने श्रीसर्वतीर्थस्वामिने नम: स्वाहा। ॐ हीं श्रीसप्रातिहार्यातिशयशालिने श्री निरुपमस्वामिने नम: स्वाहा। ॐ हीं श्रीसप्रातिहार्यातिशयशालिने श्रीकुमारिकस्वामिने नम: स्वाहा। ॐ ह्रीं श्रीसप्रातिहार्यातिशयशालिने श्री विहाराग्रस्वामिने नम: स्वाहा। ॐ हीं श्रीसप्रातिहार्यातिशयशालिने श्रीधणेशरस्वामिने नम: स्वाहा। ॐ हीं श्रीसप्रातिहार्यातिशयशालिने श्री विकासस्वामिने नम: स्वाहा। | द्वितीयवलय : संक्षिस १५६ पूजन (८३०-वेध) प्रमाणे मी १५ (१) ॐ ह्रीं श्रीअर्हद्भ्यः स्वाहा (२) ॐ ह्रीं श्रीसिद्धेभ्यः स्वाहा (३) ॐ ह्रीं श्रीसूरिभ्यः |स्वाहा (४) ॐ ह्रीं श्रीउपाध्यायेभ्यः स्वाहा (५) ॐ ह्रीँ श्रीसर्वसाधुभ्यः स्वाहा (६) ॐ ह्रीं श्रीसम्यग्दर्शनाय स्वाहा (७) ॐ ह्रीं श्रीसम्यग्ज्ञानाय स्वाहा (८) ॐ ह्रीँ श्रीसम्यक्चारित्राय स्वाहा (९) ॐ ह्रीं श्रीसम्यकतपसे स्वाहा (याजीनोमेओ, छेले २७1) यंत्रमा સાથે અષ્ટપ્રકારી પૂજા MAME तृतीयवलय :- (स्वर व्यंजन पूजन) (द्राक्ष नंग-४९) (१) ॐ अ वर्गाय स्वाहा- (१४ द्राक्ष) (२) ॐक वर्गाय स्वाहा - (५ द्राक्ष) (३) ॐच वर्गाय स्वाहा - (५ द्राक्ष) (४) ॐ ट वर्गाय स्वाहा.(५ द्राक्ष) (५) ॐ त वर्गाय स्वाहा - (५ द्राक्ष) (६) ॐपवर्गाय स्वाहा - (५ द्राक्ष) (७) ॐय वर्गाय स्वाहा.(४ द्राक्ष) (८) ॐ |श वर्गादि सर्वव्यञ्जनेभ्य: स्वाहा (६द्राक्ष) વિધિ:- એક-એક ડંકો, છેલ્લે આખી થાળી. માંડલામાં દ્રાક્ષ યંત્ર ઉપર કુસુમાંજલી TOANTRA ना मा MIRINM HAR म
SR No.600326
Book TitleAntriksha Parshwanath Mahapujan Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSarvodaysagar, Udayratnasagar
PublisherCharitraratna Foundation Charitable Trust
Publication Year
Total Pages44
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size9 MB
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