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कल्प
श्रीपार्थनिर्वाण
बारसा०
॥४६॥
CHAMA
सपरिआए अंतमकासी ॥ सू. १६७॥ ते णं |
पार्श्वनाथ
चरि० काले णं ते णं समए णं पासे अरहा पुरिसा- 13 दाणीए तीसं वासाई अगारवासमझे वसित्ता, 13 तेसीइं राइंदिआइंछउमत्थ-परिआयं पाउणित्ता, देसूणाई सत्तरि वासाई केवलि-परिआयं पाउ- 13 णित्ता, पडिपुण्णाई सत्तरि वासाई सामण्णपरिआयं पाउणित्ता एक्कं वाससयं सव्वाउयं | पालइत्ता खीणे वेयणिज्जाउयनाम-गुत्ते इमीसे || ओसप्पिणीए दूसम-सुसमाए समाए बहुविइ-18 कंताए जे से वासाणं पढमे मासे दुच्चे पक्खे |5 सावणसुद्धे. तस्सणं सावणसुद्धस्स अट्ठमीपक्खे |
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-CCC
॥ ४६॥
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